।। शीन अनवर ।।
खबर छपने के बाद सोमवार को अपेक्षाकृत कम दिखे लफंगे
समाज और सरकार की ओर से एक ओर स्कूल में छात्राओं की संख्या को बढ़ाने के लिए तरह-तरह की योजनाएं चलायी जा रही हैं तो दूसरी ओर समाज में ऐसे तत्व हैं जो इन छात्राओं से छेड़छाड़ कर इनको हतोत्साहित कर रहे हैं.
अफसोस की बात है कि ऐसा करने वाले युवकों के परिजनों से शिकायत करने के बाद भी स्थिति नहीं बदली है. पुलिस प्रशासन की ओर से भी अभी तक कार्रवाई नहीं हुई है.
चक्रधरपुर : मारवाड़ी प्लस टू उच्च विद्यालय, चक्रधरपुर के समीप लड़कियों को छेड़ने वाले लफंगों का उत्पात वहीं तक सीमित नहीं है. वे शराब पीने के लिए भी मजमा लगाते हैं.
स्कूली छात्राओं से मोबाइल नंबर मांगने और छेड़छाड़ करने की खबर ‘प्रभात खबर’ में प्रकाशित होने के बाद स्कूल के चौक में लफंगों की संख्या अपेक्षाकृत काफी कम रही. सुबह सात बजे से पहले स्कूल लगने के समय और 10 बजे छुट्टी होने के समय स्कूल के चौक एनएच-75 पर साइकिल और बाइक लेकर हर दिन कई लफंगे खड़े हो जाते थे, लेकिन सोमवार को इनकी संख्या कम थी.
इसकी वजह से छात्राओं को स्कूल आने-जाने में परेशानी भी नहीं हुई. लफंगों को जैसे ही खबर मिली कि अखबारवालों की नजर हमारी करतूत पर चली गयी है और किसी भी समय पुलिस की कार्रवाई हो सकती है. इस भय से लफंगे काफी कम संख्या में आये. इसके बावजूद दर्जन भर लफंगे इधर-उधर मंडराते नजर आये.
हर रोज की तरह शराब की खाली बोतलें सोमवार को भी पड़ी हुई मिली. स्कूल के खेल का मैदान सह प्रार्थना स्थल पोड़ाहाट स्टेडियम है.
जब सुबह को विद्यार्थी यहां प्रार्थना करने पहुंचते हैं तो हर दिन उनका सामना शराब की खाली बोतलों से होता है. सोमवार को भी कई खाली बोतलें पड़ी हुई थीं. शिक्षकों की मानें तो दिन में छात्राओं को छेड़ने वाले युवक शाम को या रात में किसी भी वक्त स्टेडियम में शराब पीते हैं. इन युवाओं की नजर में किसी का मान-सम्मान भी नहीं है.
कइयों की पहचान कर उनके घरों में खबर दी गयी और अभिभावकों को पूरे मामले से अवगत भी कराया गया है. कुछ में सुधार आया तो लेकिन कुछ अभी भी अपनी हरकतें जारी रखे हुए हैं.
छात्राओं को सता रही सुरक्षा और कैरियर की चिंता
चक्रधरपुर : मारवाड़ी प्लस टू उच्च विद्यालय की छात्राओं के साथ छेड़छाड़ कर किये जाने के कारण छात्राएं सहमी हैं. पढ़ाई बंद करा दिये जाने के खौफ से वे अपने अभिभावकों को भी कुछ नहीं बता रही हैं. इस संदर्भ में प्रभात खबर ने छात्राओं से उनकी राय जानने की कोशिश की. कॉमर्स सेकेंड इयर की छात्र मुक्ता सोय ने कहा कि एक नहीं अनेक लड़के छात्राओं को छेड़ते हैं.
गालियां देते हैं, गिरी हुई भाषा का प्रयोग किया जाता है, जिसे सुन कर कानों में हाथ रख लेना पड़ता है. वह कहती है कि फब्तियां कसने वाले लड़कों का नाम नहीं जानती, लेकिन देखने पर पहचान लूंगी.
प्रथम वर्ष आर्ट्स की छात्र ब्यूटी कुमारी कहती है हम सभी छात्राएं परेशान हैं. हम घर पर अब तक लड़कों की बदतमीजी को नहीं बताये हैं. यदि हमारे अभिभावकों को मालूम होगा तो पढ़ाई बंद करा दी जायेगी और हमारा घर से निकलना भी बंद करा दिया जायेगा. इससे हमारे कैरियर पर बुरा असर पड़ेगा. सबसे अधिक छुट्टी के समय गंदे शब्दों का प्रयोग कर लड़के चिल्लाते हैं. अभद्र इशारे भी किये जाते हैं.
सेकेंड इयर कॉमर्स की छात्र मेंजो बोयपाई ने कहा कि छात्राओं से मोबाइल नम्बर की मांग की जाती है. चिल्ला चिल्ला कर गाली दी जाती है.फब्तियां सुन कर सर शर्म से झुक जाता है. छात्राओं को इशारे करते हैं और मां-बहन की गंदी गंदी गालियां दी जाती हैं. सीटी बजा कर इशारा किया जाता है.विगत शुक्रवार को एक लड़की को पत्थर चला कर मारा गया. पत्था छात्र के बगल से गुजर गया.
कला प्रथम वर्ष की छात्र विनिता लकड़ा ने कहा कि छात्राओं को क्या चाल है क्या माल है, जैसे अपशब्द का प्रयोग कर चिल्लाया जाता है. सड़क और स्टेडियम में खड़े होकर छात्राओं से बदतमीजी की जाती है. क्लास में सर नहीं रहने पर क्लास रूम तक लफंगे घुस आते हैं. छात्रों और शिक्षकों के विरोध करने पर कहते हैं, हमारा जेल आना-जाना लगा रहता है. विरोध करने पर मारने की भी धमकी दी जाती है.