नामकुम: किसी भी देश की सेना में समय के साथ बदलाव जरूरी होता है. भारतीय सेना में भी आधुनिकीकरण जारी है. हम हर चुनौती के लिए तैयार हैं. ये बातें शनिवार को थल सेनाध्यक्ष जनरल विक्रम सिंह ने कहीं.
जनरल सिंह ने नामकुम स्थित 89 आम्र्ड रेजिमेंट को युद्घ तथा शांतिकाल में सेना की विभिन्न कोटियों में उत्कृष्ट सेवा के लिए यह निशान प्रदान किया. मालूम हो कि राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी द्वारा सौंपे गये सम्मान स्वरूप इस निशान को सेनाध्यक्ष बिक्रम सिंह ने शनिवार को रेजिमेंट को सुपुर्द किया. इस स्टैंडर्ड प्रजेंटेशन कार्यक्रम के दौरान सेना प्रमुख ने रेजिमेंट के बहादुर सैनिकों को चार सेना मेडल, 10 थल सेनाध्यक्ष प्रशंसा पत्र तथा 33 जीओसी इन सी प्रशंसा पत्र से सम्मानित किया. समारोह के दौरान पैदल व 25 टी 72 टैंकों पर सवार सैनिकों ने सैन्य बैंड के साथ सामूहिक परेड किया. परेड का नेतृत्व रेजिमेंट के कमांडेट कर्नल जगत सिंह ने किया. कार्यक्रम में सेना प्रमुख ने रेजिमेंट के स्पेशल कवर ऑफ द डे का अनावरण भी किया.
कार्यक्रम के दौरान 89 आम्र्ड रेजिमेंट के अब तक के 15 में से 13 कमांडेट ने भी हिस्सा लिया. इस मौके पर लेफ्टिनेंट जनरल ज्ञान भूषण, ल़े जनरल अनिल चैत, पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार, रेजिमेंटों के अधिकारी,जीओसी,जवान, वरीय पुलिस अधिकारी तथा सैनिक स्कूल के छात्र शामिल थ़े
निशान का किया गया शुद्घिकरण
सेनाध्यक्ष द्वारा रेजिमेंट को निशान देने से पूर्व निशान का शुद्घिकरण किया गया. धर्मगुरु विजय कुमार पांडेय ने परमपिता भारत माता की प्रार्थना की.
सुरक्षा के थे चाक-चौबंद इंतजाम
थलसेनाध्यक्ष के कार्यक्रम के मद्देनजर पूरे नामकुम को छावनी में तब्दील कर दिया गया था़ सभी बड़ी गाड़ियों का परिचालन रांची-जमशेदपुर मार्ग तथा रिंग रोड से किया जा रहा था. वहीं प्रमुख चौक चौराहों पर सेना पुलिस के साथ जिला बल, ट्रैफिक पुलिस व रेजिमेंटल पुलिस के जवान भी तत्पर रह़े सेनाध्यक्ष की सुरक्षा को देखते हुए क्षेत्र की सभी ऊंची इमारतों में भी सेना के जवानों को तैनात कर दिया गया था.