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सुबोध पर टेंशन भारी, बंधु भी लड़ेंगे चुनाव

रांची: रांची सीट के लिए लोकसभा चुनाव रोमांचक होगा. पार्टियों के बीच इस सीट पर तीखे संघर्ष की पृष्ठभूमि तैयार हो रही है. वर्तमान सांसद सुबोधकांत सहाय पर टेंशन भारी होगा. विधायक बंधु तिर्की ने भी चुनाव लड़ने का एलान किया है. श्री तिर्की यूपीए का वोट बैंक ही खिसकायेंगे. श्री तिर्की चुनाव लड़े, तो […]

रांची: रांची सीट के लिए लोकसभा चुनाव रोमांचक होगा. पार्टियों के बीच इस सीट पर तीखे संघर्ष की पृष्ठभूमि तैयार हो रही है. वर्तमान सांसद सुबोधकांत सहाय पर टेंशन भारी होगा. विधायक बंधु तिर्की ने भी चुनाव लड़ने का एलान किया है.

श्री तिर्की यूपीए का वोट बैंक ही खिसकायेंगे. श्री तिर्की चुनाव लड़े, तो कांग्रेस मुश्किल में आ सकती है. अल्पसंख्यक और आदिवासी वोट बैंक में ही श्री तिर्की सेंधमारी करेंगे. ऐसे में सुबोधकांत के लिए चुनावी रास्ता आसान नहीं होगा. श्री तिर्की को 2004 के संसदीय चुनाव में लगभग 50 हजार वोट मिले थे. इधर, पूर्व आइपीएस और जेएससीए अध्यक्ष अमिताभ चौधरी भी चुनावी मैदान में हैं. वह रांची में फील्ड बना रहे हैं.

हालांकि श्री चौधरी ने अपनी ठौर नहीं तलाशी है. उनके लिए भाजपा प्राथमिकता है. श्री चौधरी झाविमो से भी संपर्क में हैं. सूचना के मुताबिक, आजसू पार्टी भी चुनावी तैयारी में है. पार्टी अध्यक्ष सुदेश महतो मजबूत दावेदार की तलाश में हैं. पार्टी की रणनीति भाजपा के चुनावी चाल पर निर्भर करेगी. भाजपा से रामटहल चौधरी का पत्ता कटा, तो आजसू लपक सकती है. आजसू ने हटिया उपचुनाव जीत कर खूंटा मजबूत किया है.

सुबोध के समर्थन पर बैठे थे बंधु
वर्ष 2009 में भी बंधु ने संसदीय चुनाव लड़ने की घोषणा की थी. श्री तिर्की को बाद में कांग्रेस आला कमान ने मनाया था. तत्कालीन प्रदेश प्रभारी डॉ केशव राव ने श्री तिर्की को मनाया था. दिल्ली में श्री तिर्की की मुलाकात सोनिया गांधी से करायी गयी थी. इसके बाद चुनाव लड़ने का फैसला टाल दिया था.

पांच वर्ष जनता के बीच रहे हैं, हर हाल में चुनाव लड़ेंगे : बंधु
विधायक बंधु तिर्की ने कहा है कि पांच वर्ष तक जनता के बीच रहे हैं. लोगों के लिए काम किया है. परिस्थिति चाहे, जो हो हर हाल में चुनाव लड़ेंगे. यह पूछने पर कि कांग्रेस का समर्थन करते रहे हैं, सेक्युलर फोरम में रहे हैं.

श्री तिर्की ने कहा कि कांग्रेस हमारे एजेंडे को नहीं मानती, तो फिर हम क्यों मानें. स्थानीय जैसे मुद्दे पर कांग्रेस की चुप्पी है. सेक्युलर जमात की राजनीति कौन कर रहा है, यह चुनाव में ही साफ हो जायेगा. कांग्रेस ने राज्य की जनता को छलने का काम किया है. राजनीति कर रहे हैं, तो किसी के कहने या मना करने पर फैसला नहीं कर सकते हैं. सरकार को समर्थन कर रहे हैं, तो जरूरी नहीं है कि हर फैसला कांग्रेस की राय पर करें. रांची के लोगों पर मुङो भरोसा है. हमारे समर्थक चाहते हैं कि मैं चुनाव लड़ूं.

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