रांची: सर हमारी अन्नपूर्णा हमसे दूर जा रही है. प्लीज इसे बचा लीजिए. हम खुद ही इसे हटा लेंगे. अन्नपूर्णा भंडार की संचालिका रोते-रोते रेलवे अधिकारी से यह गुहार लगा रही थी. उनके पति दिनेश आग्रह कर रहे थे कि सर मुङो थोड़ी देर और मोहलत दे दीजिए हम घर खाली कर लेंगे. यह दृश्य था रांची दक्षिण रेलवे कॉलोनी का, जहां बुधवार को अतिक्रमण हटाया गया.
हालांकि पुलिस बल ने उनका सामान उठाने में थोड़ी मदद की. वहीं, बड़ी संख्या में महिलाओं ने रेलवे अधिकारी से गुजारिश की कि सर ठंड का मौसम है, हमलोग कहां जायेंगे. भाड़े का घर काफी महंगा है. कैसे किराया देंगे. सर प्लीज मेरा घर मत तोड़िए.
रेलवे ने 30-40 वर्षो से झुग्गी-झोपड़ी बना कर रह रहे लोगों को हटाया. इस अभियान में लगभग 500 कच्चे घरों को तोड़ कर हटाया गया है. बाकी अतिक्रमित करनेवालों को दो दिनों के अंदर हटा लेने को कहा गया है. इसके अलावा जो लोग अपने क्वार्टर के बगल में घर बना लिये हैं, उन्हें भी हटा लेने को कहा गया है.
विभाग के अधिकारी ने कहा कि यह अभियान बुधवार को शांति पूर्वक संपन्न हो गया. इस खाली पड़े जमीन पर रेलवे आनेवाले दिनों में कर्मचारियों की सुविधा के लिए मल्टी स्टोरेज भवन तैयार करने पर विचार कर रहा है.
नेताओं के प्रति जनाक्रोश
इस इलाके में रहनेवाले लोगों का नेताओं के प्रति काफी आक्रोश था. उनका कहना था कि जब वोट का वक्त होता है तो दौड़े चले आते हैं, लेकिन जब हम लोग मुसीबत में हैं तो देखने भी नहीं आये हैं.
बड़ीसंख्या में पुलिस फोर्स तैनात थी
अतिक्रमण हटाओ अभियान में काफी संख्या में पुलिस फोर्स व रेलवे के आरपीएफ के जवानों को लगाया गया था. महिला पुलिस बलों को भी लगाया गया था.