नयी दिल्ली: झारखंड में कृषि क्षेत्र के विकास की काफी संभावनाएं हैं. राज्य की जलवायु स्वच्छ है और यह खेती के लिए बेहतर है. कृषि क्षेत्र के विकास के लिए केंद्र सरकार का सहयोग जरूरी है. उद्योग क्षेत्र के साथ ही कृषि क्षेत्र का विकास कर राज्य तेजी से आर्थिक तरक्की कर सकता है. झारखंड में निवेश की संभावना विषय पर आयोजित सेमिनार में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ये बातें कही.
उन्होंने कहा कि अक्सर लोग राज्य के प्राकृतिक संसाधनों की चरचा करते हैं. सीमेंट, स्टील और ऊर्जा क्षेत्र के विकास के लिए सरकार ने कई कदम उठाये हैं. लेकिन कृषि क्षेत्र का विकास होना जरूरी है. झारखंड में बड़े पैमाने पर सब्जियों का उत्पादन होता है और अधिकांश सब्जियां पश्चिम बंगाल के बाजार पहुंच जाती हैं. लेकिन किसानों को इसका उचित मूल्य नहीं मिल पाता है. किसान को समझ नहीं आ रहा है कि उसकी आमदनी कैसे बढ़े. अधिक कीमत का फायदा किसानों की बजाय बिचौलियों को हो रहा है. बिचौलियों की भूमिका को खत्म करना होगा. साथ ही वैल्यू एडीशन की जरूरत है, तभी किसान खेती को लेकर उत्साहित होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में मछली पालन के साथ ही काजू की खेती की अपार संभावनाएं हैं. कृषि क्षेत्र पर ही सबसे अधिक ध्यान देने की जरूरत पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर जल, जंगल और जमीन नहीं रहेगा तो हम सब भी नहीं रहेंगे. उद्योगपतियों से राज्य में निवेश की अपील करते हुए हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य में उद्योगों को सभी सुविधाएं मुहैया करायी जायेगी.
राज्य में स्टील, ऊर्जा क्षेत्र के लिए व्यापक नीति बनाने पर ध्यान दिया जा रहा है और विकास के रास्ते में आने वाली बाधाओं को दूर करने की कोशिश जारी है. इस मौके पर मुख्य सचिव राम सेवक शर्मा ने कहा कि उद्योगपतियों को राज्य में निवेश करने के लिए संसाधनों के साथ ही सरकार का पूरा सहयोग मिलेगा. जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए उद्योगों को सीधे किसानों से जमीन खरीदने की छूट दी गयी है.
इससे दोनों पक्षों को लाभ होगा. उन्होंने कहा कि निवेश के लिए सभी क्षेत्र के उद्योगपतियों से संवाद की प्रक्रिया जारी रहेगी. मुख्य सचिव ने कहा कि सरकारी सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए तकनीक के प्रयोग पर जोर दिया जा रहा है, ताकि समय-सीमा के अंदर लोगों को इसका लाभ मिल सके. विकास के साथ ही पर्यावरण संरक्षण पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि समग्र विकास के लिए उद्यमिता को बढ़ावा देना बेहद जरूरी है. कृषि क्षेत्र से लेकर अन्य क्षेत्रों में शामिल लोगों में उद्यमिता को बढ़ावा देकर हम समग्र विकास के लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं. इससे कृषि, कपड़ा, स्टील, सीमेंट सभी क्षेत्रों का विकास तेजी से होगा.
इस मौके पर झारखंड उद्योग विभाग की डायरेक्टर वंदना डाडेल ने विभाग द्वारा चलायी जा रही योजनाओं की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि फलों और सब्जियों की बर्बादी रोकने के लिए कोल्ड स्टोरेज सुविधा बढ़ाने की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि 12 सालों में कोल्ड स्टोरेज सुविधा में 50} का इजाफा हुआ है, जबकि इसी दौरान मछली पालन 14 हजार टन से 92 हजार टन हो गया है. राज्य में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के विकास की संभावनाएं देखते हुए निजी उद्यमियों को राज्य में निवेश करना चाहिए. सेमिनार में अधिकारियों के अलावा कई उद्योगपति भी शामिल हुए.
मुख्यमंत्री ने कहा
झारखंड के किसानों को उचित मूल्य नहीं मिल पाता है
बिचौलियों को मिल रहा है उत्पादन का फायदा
राज्य में मछली पालन के साथ काजू की खेती की अपार संभावनाएं
उद्योगों को सभी सुविधाएं मुहैया करायी जायेगी
उद्योगों को सीधे किसानों से जमीन खरीदने की छूट दी गयी है.