रांचीः जिला प्रशासन द्वारा बालू ट्रकों की जब्ती के खिलाफ बालू ट्रक एसोसिएशन ने 22 नवंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की घोषणा की है. 21 नवंबर को एसोसिएशन ने साधु मैदान में बैठक कर यह निर्णय लिया.
अध्यक्षता दिलीप साहू ने की. बैठक में झारखंड ट्रक ऑनर एसोसिएशन के अध्यक्ष उदय शंकर ओझा व अन्य सदस्यों ने रांची जिला प्रशासन द्वारा बालू ट्रकों को पकड़ कर गैरजमानती धारा लगा कर केस करने की निंदा की है.
प्रशासन से सभी ट्रकों को अविलंब छोड़ने की मांग की है. ऐसा नहीं करने पर 22 नवंबर से हड़ताल पर जाने की बात कही गयी है. एसोसिएशन के सचिव मोइन अख्तर ने बताया कि हड़ताल की अवधि में एक भी बालू ट्रक या ट्रैक्टर से बालू की ढुलाई नहीं होने दी जायेगी. सारे सरकारी निर्माण कार्यो को बंद करा दिया जायेगा. जब आम जनता को बालू नहीं मिलेगा, तो सरकार को बालू आपूर्ति कैसे करने दी जायेगी.
सरकारी भवनों में बालू की आपूर्ति कैसे
ओझा ने कहा कि प्रशासन सुप्रीम कोर्ट के आदेश की गलत व्याख्या कर रही है. सुप्रीम कोर्ट का आदेश सभी खनिजों पर लागू होता है फिर केवल बालू को पर्यावरण की एनओसी का बाध्यता क्यों की जा रही है. सरकार एक ओर जनता का बालू रोक रही है, वहीं दूसरी ओर सरकारी निर्माण कार्यो के लिए बालू ले रही है. मुख्यमंत्री आवास, राजभवन, सचिवालय व हाइकोर्ट का निर्माण कार्य चल रहा है. यदि बालू का उठाव गलत है, तो यहां निर्माण कार्य कैसे हो रहा है.
मौखिक आदेश पर ही बालू की नीलामी बंद
बालू घाटों की नीलामी मुख्यमंत्री के मौखिक आदेश पर बंद कर दी गयी है. सूत्रों ने बताया कि खान विभाग द्वारा सीएम के पास आदेश लेने के लिए संचिका भेजी गयी है. यह कहा गया है कि बालू की वैकल्पिक व्यवस्था करनी होगी, अन्यथा आम लोगों को बालू उपलब्ध नहीं हो सकेगा. इधर, मुख्यमंत्री के मौखिक आदेश के बाद विभाग ने धनबाद, बोकारो, हजारीबाग, रामगढ़, चतरा, कोडरमा, लातेहार, गढ़वा, लोहरदगा, गुमला, सिमडेगा, चाईबासा, सरायकेला-खरसावां, जामताड़ा, दुमका, साहेबगंज, देवघर में नीलामी स्थगित कर दी है. अब आगे क्या होगा इस पर कोई आदेश नहीं आया है.
मुंबई की कंपनी के कारण स्थगित हुई नीलामी
राज्य के पांच जिलों में अबतक बालू घाटों की नीलामी हो चुकी है. इस नीलामी में रांची, खूंटी, पलामू और पाकुड़ जिलों के 101 घाटों में 89 घाटों की बंदोबस्ती मुंबई की तीन कंपनियों दी मिल्स स्टोर कंपनी मुंबई प्रा. लि., महावीर इंफ्रा प्रा. लि. व मेरेडियन रियल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड के हिस्से में की गयी है. इन कंपनियों ने सर्वाधिक बोली लगाकर तीनों जिलों में बालू घाटों पर कब्जा जमाया है. जमशेदपुर में इन कंपनियों ने हिस्सा नहीं लिया था. वहां ज्यादतर स्थानीय कारोबारियों के हिस्से में बालू घाट की बंदोबस्ती हुई है.
बाहरी कंपनियों के बालू घाट नीलामी में हिस्सा लेने पर विरोध शुरू हो गया था. जिसकी वजह से सरकार को नीलामी स्थगित करने का आदेश देना पड़ा.