-संजय-
रांचीः पलामू की चार गैर सरकारी संस्थाओं पर कार्रवाई का मामला तीन साल से लंबित है. पूर्व कृषि सचिव एपी सिंह ने निदेशक, राज्य बागवानी मिशन को इस मामले में सर्टिफिकेट केस दायर करने का आदेश दिया था. बागवानी (उद्यान) निदेशालय ने इसे दबाये रखा. अब मामला संज्ञान में आने पर विभागीय अधिकारी हतप्रभ हैं. मामला राष्ट्रीय बागवानी मिशन से जुड़ा है.
वित्तीय वर्ष 2007-08 में पलामू की नौ गैर सरकारी संस्थाओं को 1350 हेक्टेयर पर बागवानी करने के लिए 1.51 करोड़ रु मिले थे. इनमें से ज्यादातर की उपलब्धि औसत से कम थी. चार की तो बिल्कुल शून्य थी. इनमें लोक भारती ट्रस्ट, भारत भारती प्रज्ञा मंडल, अखिल भारतीय सर्वोदय फाउंडेशन तथा हिंदुस्तान विकास समाज संस्थान शामिल हैं. इसके बावजूद इन चारों संस्थाओं को वित्तीय वर्ष 2008-09 में भी करीब 87 लाख रु का भुगतान किया गया. इस वर्ष इन्हें 1800 हेक्टेयर पर बागवानी करनी थी.
जांच में इन चार संस्थाओं द्वारा लगाये गये पौधों में से कोई भी जीवित नहीं मिला. इसी के बाद तत्कालीन सचिव ने सर्टिफिकेट केस संबंधी आदेश दिये थे. राज्य के एक छोर पलामू की इन चार में से दो संस्थाओं, लोक भारती ट्रस्ट व भारत भारती प्रज्ञा मंडल ने राज्य के दूसरे छोर पर बसे देवघर जिले से जैविक खाद खरीदने का दावा किया था, जो बाद में फरजी निकला. इन्होंने क्रमश: 77 तथा 430 टन जैविक खाद खरीदने की बात कही थी.