रांची: विद्यालयों में दिये जाने वाले मध्याह्न् भोजन पर महंगाई की मार पड़ी है. महंगाई के कारण बच्चों की थाली से हरी सब्जियां तो पहले से ही गायब थीं, अब आलू भी नहीं मिल रहा है. मध्याह्न् भोजन में सब्जी के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है.
हरी सब्जी के बदले मूली का साग और आलू का चोखा दिया जा रहा है. आलू की कीमत बढ़ने से इसकी भी मात्र घटा दी गयी है. सरस्वती वाहिनी के सदस्यों का कहना है सब्जी इतनी महंगी हो गयी है कि वे चाह कर भी खाने में सब्जी नहीं दे पा रही हैं. महंगाई में जहां बच्चों को सब्जी देना मुश्किल है, वहीं शिक्षा विभाग की ओर से बच्चों को अंडा, केला व गुड़ देने का निर्देश दिया गया है.
3.51 रु में पौष्टिक खाना का दावा
मध्याह्न् भोजन के लिए कक्षा एक से पांच तक के बच्चों के लिए प्रति बच्च 3.51 रुपये व कक्षा छह से आठ तक के लिए प्रति बच्च 5.25 रुपये दिये जाते हैं. इसमें खाना पकाने के लिए गैस से लेकर तेल मसाला, दाल सब्जी सभी कुछ देना होता है. चावल अलग से दिया जाता है.
मेनू के अनुरूप खाना नहीं
महंगाई के कारण स्कूलों में निर्धारित मेनू के अनुरूप बच्चों को खाना नहीं मिल रहा है. अंडा व फल देने का प्रावधान सिर्फ निर्देश तक ही सीमित रह गया है. बच्चों को गुड़ व केला भी नहीं मिल रहा है. गत दिनों केंद्रीय टीम ने पूर्वी व पश्चिमी सिंहभूम के 42 स्कूलों का निरीक्षण किया था. निरीक्षण में पाया गया था कि मध्याह्न् भोजन के मेनू में प्रावधान के अनुरूप बदलाव नहीं किया जाता है. मेनू में एकरूपता रहती है.