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झारखंड में पहले दिन ही मर जाते हैं हजार में से 24 नवजात

रांची: 15 से 21 नवंबर तक राज्य के 15 जिलों के 15 प्रखंडों में नवजात शिशु सप्ताह मनाया जायेगा. इसके तहत नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य से संबंधित विषयों पर लोगों को जागरूक किया जायेगा. चिकित्सक, एएनएम व सहियाओं द्वारा नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य की जांच भी की जायेगी. कार्यक्रम के पहले चरण की जानकारी देते […]

रांची: 15 से 21 नवंबर तक राज्य के 15 जिलों के 15 प्रखंडों में नवजात शिशु सप्ताह मनाया जायेगा. इसके तहत नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य से संबंधित विषयों पर लोगों को जागरूक किया जायेगा.

चिकित्सक, एएनएम व सहियाओं द्वारा नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य की जांच भी की जायेगी. कार्यक्रम के पहले चरण की जानकारी देते हुए एनआरएचएम के मिशन डायरेक्टर डॉ मनीष रंजन ने मंगलवार को पत्रकारों को बताया कि इस अभियान में ग्राम सभाओं को भी जोड़ने का निर्णय लिया गया है. पूरे विश्व में 10 लाख बच्चों की मृत्यु जन्म के पहले ही दिन हो जाती है.

झारखंड में नवजात शिशु मृत्यु दर प्रति हजार 24 है. इस आंकड़े को कम करना है. इसके लिए हम सबों को सामूहिक तौर पर प्रयास करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि राज्य में न्यू बॉर्न केयर कॉनर बनाये जायेंगे. इस दौरान चाइल्ड हेल्थ बुकलेट की लांचिंग की गयी. मौके पर डॉ मधुलिका जोनाथन, डॉ राहुल, डॉ गुंजन, डॉ धनंजय व डॉ पुष्पा मारिया बेक आदि मौजूद थे.

60 प्रतिशत प्रसव घरों में ही होते हैं: जॉब जकारिया
यूनिसेफ के जॉब जकारिया कहते हैं कि आज भी झारखंड में 60 प्रतिशत प्रसव घरों में ही होते हैं. यानी, अस्पतालों में मात्र 40 प्रतिशत ही प्रसव होता है. यह गंभीर बात है. कई जिलों के अस्पतालों में अच्छे इक्वीपमेंट हैं, लेकिन उसे अपग्रेड करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि बच्चों के लिए हमें स्पेशल यूनिट बनाने की आवश्यकता है.

इन जिलों में अभियान
पलामू, रांची, लातेहार, चतरा, गुमला, दुमका, गोड्डा, पांकुड़, साहेबगंज, प सिंहभूम, लोहरदगा, सिमडेगा, खूंटी, रामगढ़ व सरायकेला.

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