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कभी जुबान फिसली, कभी कारनामे

रांची: हेमंत सोरेन सरकार में कांग्रेस के मंत्री चर्चा में रहे हैं. कांग्रेस कोटे से मंत्री बननेवालों की कभी जुबान फिसल रही है, तो कभी कारनामे से सुर्खियों में हैं. कांग्रेस के मंत्रियों के कारण संगठन की किचकिच हो रही है. मंत्री योगेंद्र साव अपने बयानों से विवाद में रहे हैं. मंत्री के बयान और […]

रांची: हेमंत सोरेन सरकार में कांग्रेस के मंत्री चर्चा में रहे हैं. कांग्रेस कोटे से मंत्री बननेवालों की कभी जुबान फिसल रही है, तो कभी कारनामे से सुर्खियों में हैं. कांग्रेस के मंत्रियों के कारण संगठन की किचकिच हो रही है.

मंत्री योगेंद्र साव अपने बयानों से विवाद में रहे हैं. मंत्री के बयान और कारनामे से पार्टी फंस रही है. गीताश्री उरांव ने भी स्थानीयता और भोजपुरी-मैथिली पर बयान देकर पार्टी का संकट बढ़ाया है.

ग्रामीण विकास मंत्री ददई दुबे भी चर्चा में रहे हैं. अपनी ही सरकार के खिलाफ श्री दुबे ने मोरचा खोल दिया था. सरकार के घटक दलों में कांग्रेस को छोड़ राजद और झामुमो के मंत्री संयमित हैं. मंत्रियों की बेवजह बयानबाजी को लेकर कांग्रेस आलाकमान गंभीर है. मंत्रियों को हिदायत भी दी गयी है, लेकिन मंत्री योगेंद्र साव ने गुरुवार को बीएयू में आयोजित कार्यक्रम में एक बार फिर विवादास्पद बयान दिया है.

योगेंद्र साव : मंत्री बनने के बाद योगेंद्र साव ने राजधानी में आयोजित एक कार्यक्रम में विवादास्पद बयान दिया. सोनिया गांधी और राहुल गांधी सहित दूसरे नेताओं पर टिप्पणी करते हुए कहा कि मंत्री बनने के लिए क्या-क्या नहीं करना पड़ा. फिर मंत्री ने बयान दिया कि सोनिया गांधी जिसे चाहें, मंत्री बना सकती हैं. बीएयू में एक कार्यक्रम में कहा कि उनके चुनाव के लिए सोनिया गांधी फंडिंग करती हैं. पूर्व मुख्य सचिव एसके चौधरी का घर उन्हें आवंटित किया गया है. इस घर में जाने के लिए गांधीगीरी की. इसके बाद उन्होंने मुख्य सचिव के घर में जबरन घुस कर पूजा-पाठ किया.

ददई दुबे : ग्रामीण विकास विभाग में मुख्यमंत्री सेतु, एनआरइपी और विशेष प्रमंडल को शामिल करने के लिए दबाव बना रहे हैं. मनपसंद सचिव के लिए सरकार के खिलाफ मोरचा खोल दिया है. सरकार के खिलाफ टिप्पणी के लिए जाने जाते हैं. मुख्यमंत्री पर टिप्पणी करते हुए कहा कि अफसरों पर लगाम नहीं लगा सके.

गीताश्री उरांव : स्थानीयता को लेकर विवादों में रहीं. पारा शिक्षकों का मानदेय बढ़ाने के मामले में प्रस्ताव विभाग में ही था, कैबिनेट में बिफर रही थीं. भोजपुरी और मैथिली से टेट परीक्षा पास करनेवालों की नियुक्ति रद्द करने की बात कही.

मन्नान मल्लिक : कैबिनेट बंटवारे को लेकर शुरू में बिफरे.मुख्यमंत्री के खिलाफ टिप्पणी की. हाल में शिबू सोरेन पर ही टिप्पणी कर दी कि वह ऊंघते हुए सपने देखते रहते हैं.

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