रांची: स्थापना दिवस समारोह में 15 नवंबर को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 531 मदरसों को अनुदान देंगे. इसके लिए मानव संसाधन सचिव को निर्देश दिया गया है. सीएम ने कहा है कि जो भी प्रक्रियात्मक बाधा है, उसे दूर किया जाये. कैबिनेट की बैठक में हर हालत में अनुदान संबंधित प्रस्ताव पेश किया जाये. इसमें जो भी बाधा है उसे दूर करने के लिए आवश्यक संशोधन भी करने का निर्देश दिया गया है. मुख्यमंत्री ने दिल्ली जाने के पूर्व मानव संसाधन सचिव के विद्यासागर से इस मुद्दे पर खासतौर पर बात की.
वर्ष 2011 में ही अनुदान देने पर फैसला हुआ था : राज्य में 531 मदरसों को मान्यता नहीं मिल पायी है, जबकि नवंबर 2011 में ही इनको मान्यता देने के लिए तत्कालीन अर्जुन मुंडा सरकार ने निर्णय लिया था. सूत्रों के अनुसार राज्य के 549 मदरसों में से अब तक मात्र छह को मान्यता मिली है, जबकि 12 और मदरसों को मान्यता देने की तैयारी है. झामुमो के सात सूत्री एजेंडे में एक एजेंडा में यह भी है.
148 का मापदंड के अनुरूप भवन नहीं : जिन मदरसों के नाम से भूमि निबंधित है, उनके पास निर्धारित मापदंड के अनुरूप भवन नहीं है. राज्य में 148 ऐसे मदरसे हैं, जिनके नाम से जमीन की रजिस्ट्री है, पर भवन नहीं है. प्रावधान के अनुरूप मदरसा के पास 300 वर्ग फीट में भवन होना आवश्यक है.
एसपीटी एक्ट का है पेंच
राज्य में आधे से अधिक मदरसा संताल परगना प्रमंडल में हैं. मदरसा की मान्यता के लिए आवश्यक है की जमीन उसके नाम से हो. एसपीटी एक्ट के कारण जमीन का निबंधन मदरसा के नाम से नहीं है. इस कारण से मदरसों को मान्यता नहीं मिल पा रही है. राज्य में सबसे अधिक 141 मदरसा पाकुड़ जिले में है. सरकार ने इन बाधाओं को दूर करने का निर्देश दिया है.