बच गये रांची व जमशेदपुर
पटना सीरियल ब्लास्ट के बाद एनआइए और रांची पुलिस के द्वारा की जा रही कार्रवाई में पुलिस को सफलता मिलती जा रही है. जैसे-जैसे आइएम के नेटवर्क की जानकारी मिलती जा रही है, वैसे-वैसे यह धारणा भी बनने लगी है कि रांची बच गयी. एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने बताया कि रांची और जमशेदपुर शहर बच गया. पुलिस अधिकारी के अनुसार रांची शहर आतंकियों का अड्डा बन गया है. इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि आतंकी रांची में कोई वारदात नहीं करते. देर-सबेर आतंकी यहां की शांति भी भंग करने की कोशिश करते. उल्लेखनीय है कि वर्ष 2008 में आतंकी ताबीश ने कडरू मोड़ स्थित बिग बाजार मॉल में बम फिट किया था. यह अलग बात थी कि बम फटी नहीं और पुलिस ने समय रहते उसे डिफ्यूज किया गया, वरना रांची में बड़ी वारदात हो जाती.
रांची: पटना ब्लास्ट के बाद रांची में जिस तरह से उज्जैर की गिरफ्तारी हुई. जिस तरह धुर्वा थाना क्षेत्र के सीठियो गांव स्थित इम्तियाज के घर से कूकर में टाइमर लगा बम व अन्य विस्फोटक बरामद किये गये. सोमवार को हिंदपीढ़ी थाना क्षेत्र से नौ टाइम बमों की बरामदगी हुई. इससे साफ है कि रांची न सिर्फ इंडियन मुजाहिदीन (आइएम) का पनाहगार है. यहां आइएम के आतंकी बनाये जाते हैं, बल्कि आइएम के लिए बम बनाने का कारखाना भी है. आइएम के लिए विभिन्न इलाके में बम बनाये जाते हैं. अभी सिर्फ दो स्थानों से ही बम मिलें हैं. सुरक्षा एजेंसियों को आशंका है कि रांची में अभी और बम मिल सकते हैं. एजेंसियों को ऐसी सूचनाएं मिली हैं, जिनके आधार पुलिस अधिकारी यह मान कर चल रहे हैं, कि रांची में दानिश, मंजर, उज्जैर, इम्तियाज, तौफिक, ऐनुल व हैदर के अलावा और भी आतंकी हैं, जिनके बारे में पता लगाया जा रहा है. इन आतंकियों के द्वारा शहर के विभिन्न इलाकों में घरों में बम भी छिपा कर रखे गये हैं.
मुजिबुल के पिता और भाई हिरासत में,ओरमांझी के चकला में है मुजिबुल का घर
हिंदपीढ़ी थाना क्षेत्र के लॉज के जिस कमरे से नौ बमों व विस्फोटक की बरामदगी हुई, उस कमरे में ओरमांझी के चकला निवासी मुजिबुल अंसारी रहता था. यहां रह कर वह यूपीएससी की तैयारी कर रहा था. इसी दौरान वह आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन के संपर्क में आया. मुजिबुल के बारे में पता चलते ही पुलिस अधिकारियों ने ओरमांझी पुलिस को सूचना दी. सूचना मिलने पर रात करीब आठ बजे ओरमांझी थाना की पुलिस ने मुजिबुल के चकला स्थित घर में छापेमारी की. पुलिस को वहां मुजिबुल तो नहीं मिला, लेकिन पुलिस ने मुजिबुल के पिता जाबिर अंसारी और भाई जिकरुल्ला अंसारी को हिरासत में ले लिया. पुलिस ने मुजिबुल के पूरे घर की तलाशी ली. हालांकि वहां कुछ भी नहीं मिला है. जानकारी के मुताबिक मुजिबुल के पिता और भाई को रांची लाया गया है. देर रात तक दोनों से मुजिबुल के बारे में पूछताछ की जा रही थी.
बी-कॉम पास है मुजिबुल
जिस मुजिबुल नामक युवक के घर से पुलिस ने नौ बम बरामद किये हैं, वह बी-कॉम पास है. उसने एसएस मेमोरियल कॉलेज, कांके से बी-कॉम किया था. बी-कॉम करने के बाद उसने सभी को यही बताया था कि वह यूपीएससी की तैयारी कर रहा है. लॉज के जिस कमरे में वह रहता था, उसी कमरे में उसके साथ सलीम नामक युवक भी रहता था. सलीम इरबा का रहनेवाला है. पुलिस उसे भी तलाश रही है. उसकी तालाश में पुलिस ने इरबा में भी छापामारी की, लेकिन वह वहां नहीं मिला.
केवल बैटरी लगा कर कर दिया जाता ब्लास्ट
मोरहाबादी मैदान में एसएसपी साकेत कुमार सिंह ने बताया कि जो बम बरामद किये गये हैं, वे सभी तैयार हालत में हैं और जिंदा हैं. बमों की प्रारंभिक जांच से पता चला है कि इसे विस्फोट करने के लिए ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं है. बैट्री से जोड़ने के बाद टाइम सेट कर इसे ब्लास्ट किया जा सकता था. एसएसपी ने बताया कि बमों में वही लोटस घड़ी का टाइमर लगा हुआ है, जिसका इस्तेमाल पटना गांधी मैदान में सीरियल ब्लास्ट में किया गया था.
उल्लेखनीय है कि बोध गया में भी ब्लास्ट में लोटस घड़ी के टाइमर का ही इस्तेमाल किया गया था. एसएसपी ने आगे बताया कि मुजिबुल अंसारी की तालाश की जा रही है. रांची के सीठियो, ओरमांझी, हिंदपीढ़ी के अलावा अन्य स्थानों पर भी आतंकियों के छिपे होने की आशंका है.
हैदर भी आकर रहता था हिंदपीढ़ी के इरम लॉज में
रांची: हिंदपीढ़ी थाना क्षेत्र के इरम लॉज में आतंकी हैदर भी आकर रहता था. हैदर, इंडियन मुजाहिदीन (आइएम) में तहसीन उर्फ मोनू (भटकल की गिरफ्तारी के बाद आइएम प्रमुख बना) के बाद दूसरे नंबर पर है. एनआइए ने हैदर के ऊपर पांच लाख का इनाम रखा है. हैदर अक्सर इरम लॉज में आकर रहता था. यहां वह मुजिबुल अंसारी और सलीम के साथ ही रहता था. हैदर अक्सर दोनों से मोबाइल पर बातें करता था. हैदर के मोबाइल नंबर की सीडीआर जांच के क्रम में सुरक्षा एजेंसियों को मुजिबुल और सलीम के बारे में पता चला.
उल्लेखनीय है कि पटना ब्लास्ट में गिरफ्तार इम्तियाज और रांची से गिरफ्तार उज्जैर ने भी पुलिस को दिये बयान में स्वीकार किया था कि हैदर हिंदपीढ़ी थाना क्षेत्र में भी कहीं पर आकर रुकता था. तभी से सुरक्षा एजेंसियां इस बारे में पता लगा रही थी. इस दौरान दो दिन पहले भी पुलिस की टीम ने हिंदपीढ़ी इलाके में दो जगहों पर छापामारी की थी, लेकिन पुलिस को कोई सफलता नहीं मिली थी. शक के आधार पर हिंदपीढ़ी के चार युवकों को हिरासत में लिया गया था. पूछताछ में निदरेष पाये जाने के बाद छोड़ दिया गया था.
दोपहर से शुरू हुआ सर्च अभियान : लॉज में आतंकियों के होने या विस्फोटक होने की सूचना पर हिंदपीढ़ी इलाके में पुलिस सुबह से ही सक्रिय थी. सिटी एसपी मनोज रतन चोथे ने बताया कि दोपहर में पुलिस ने सर्च अभियान शुरू किया. इसी दौरान इरम लॉज के कमरे से बम मिले. इसके बाद बम डिस्पोजल स्क्वायड बुलाया गया. एनआइए की सूचना पर सर्च अभियान चलाया गया, जिसमें इंटेलिजेंस ब्यूरो, स्पेशल ब्रांच, सीआइडी और जिला पुलिस शामिल थे.
सीठियो के लोग मिले एसएसपी से
रांची: धुर्वा थाना क्षेत्र के सीठियो गांव से करीब 30 लोग सोमवार को एसएसपी कार्यालय पहुंचे. यहां उन्होंने एसएसपी साकेत कुमार से मुलाकात की. इस दौरान सीठियो के ग्रामीणों ने एसएसपी से कहा कि आतंकियों से जुड़ी गतिविधियों के सिलसिले में पुलिस जो भी छानबीन कर रही है, उसमें गांव के लोग हर तरह से सहयोग करने को तैयार हैं. आतंकी घटनाओं में सीठियो के जिन लोगों की भागीदारी है, उन्हें हर हाल में सजा मिलनी ही चाहिए. सीठियो के लोगों ने एसएसपी से यह भी अनुरोध किया कि जांच में इस बात का ध्यान रखा जाये कि कोई निदरेष न फंसे. पुलिस बेवजह ग्रामीणों को परेशान न करे.
अली ने तहसीन तक पहुंचाये थे विस्फोटक
मुजफ्फरपुर: पटना सीरियल ब्लास्ट के मामले में कोलकाता से पकड़ा गया जिले के मनियारी थाना स्थित नीरपुर गांव के मुहम्मद अली ने ही विस्फोटक पहुंचाये थे. यही नहीं इंडियन मुजाहिदीन का सक्रि य सदस्य और पेशे से ट्रक ड्राइवर अली संगठन के सदस्यों को ट्रक का खलासी बना कर उन्हें विभिन्न स्थानों पर पहुंचाता था.
पूछताछ में उसने यह खुलासा किया है. एनआइए के सूत्रों ने इस संबंध में और कई बातों की जानकारी दी है. इसके साथ ही अब पटना ब्लास्ट के तार रांची, समस्तीपुर और मुजफ्फरपुर के बाद कोलकाता से भी जुड़ गये हैं. इन सभी बातों की खुलासा जाली नोट तस्करी के संदेह में दो दिन पहले गिरफ्तार मुहम्मद अली ने किया. खुफिया विभाग के अधिकारियों के अनुसार, पटना धमाके में इस्तेमाल विस्फोटक मुहम्मद अली के माध्यम से ही वारदात के मास्टरमाइंड तहसीन तक पहुंचे थे. खुद पूछताछ में मुहम्मद अली ने भी इसे स्वीकार किया है. धमाकों की पड़ताल में जुटी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) व बिहार पुलिस जल्द अली से पूछताछ के लिए कोलकाता जायेगी.
आफताब को एनआइए ने छोड़ा!
पटना ब्लास्ट के मामले में दिल्ली में गिरफ्तार सर सैयद कॉलोनी निवासी आफताब आलम के परिजनों ने उसे निदरेष बताया है. मामा मोहम्मद इफ्तेखार ने दावा किया कि एनआइए ने पूछताछ के बाद आफताब को रिहा कर दिया. कहा कि आफताब को शक के आधार पर पकड़ा गया था, लेकिन उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले. बताया कि वह एक-दो दिन में पत्नी के साथ मुजफ्फरपुर आ जायेगा. उल्लेखनीय है कि आफताब का ससुराल पाकिस्तान में है और वह अपनी पत्नी को लेने दिल्ली गया था, जहां से एनआइए ने उसे हिरासत में लिया था.
गांधी मैदान का स्केच मिला
मुजिबुल के कमरे में छापामारी के दौरान पुलिस को पटना के गांधी मैदान का नक्शा बरामद किया है. नक्शा स्केच कर बनाया गया है. नक्शा में पटना रेलवे स्टेशन, गांधी मैदान, गोलघर, बिस्कोमान भवन, एलिफिस्टन सिनेमा समेत गांधी मैदान के अन्य जगहों को दर्शाया गया है. पुलिस के एक आला अधिकारी के मुताबिक, मुजिबुल के कमरे से पटना का स्केच मिलने के बाद यह साफ हो गया है कि यह शख्स पटना ब्लास्ट में शामिल था. अभी इस बात की जांच चल रही है कि पटना में बम प्लांट करनेवाले आतंकियों में मुजिबुल था या नहीं. पुलिस ने बताया कि लॉज के कमरे से उर्दू में लिखे परचे के दो बंडल भी मिले हैं. कुछ अन्य कागजात भी मिले हैं, जिसका अध्ययन किया जा रहा है.
लॉज के आठों कमरे सील
पुलिस ने जिस लॉज के कमरे से बम बरामद किया है, उसमें कुल आठ कमरे हैं. हर कमरे में दो-दो लड़के रहते हैं. सोमवार की शम जिस वक्त पुलिस ने लॉज में छापामारी की, उस वक्त लॉज के विभिन्न कमरे में सिर्फ सात लड़के थे. बाकी लड़के छुट्टी में घर चले गये हैं. वहां मौजूद सातों लड़कों से पूछताछ करने के बाद पुलिस ने सभी को कहीं दूसरी जगह रहने की सलाह दी. साथ ही पुलिस ने लॉज के सभी कमरों को सील कर दिया है.
नौ बम मिलना बड़ी सफलता : डीजीपी
डीजीपी राजीव कुमार ने कहा है कि हिंदपीढ़ी क्षेत्र से नौ बमों को बरामद करना पुलिस के लिए बड़ी सफलता है. पुलिस इंडियन मुजाहिदीन के पूरे नेटवर्क को खत्म करने के लिए काम कर रही है. उन्होंने बताया कि पटना में सीरियल ब्लास्ट के बाद राज्य भर की पुलिस को अलर्ट कर दिया गया है. पुलिस को कई तरह से सूचनाएं मिल रही हैं, जिसके आधार पर कार्रवाई की जा रही है. एनआइए को सहयोग करने और आतंकी नेटवर्क का पता लगाने के लिए तीन टीम का गठन किया गया है. तीनों टीमों का काम अलग-अलग है. जांच, छापामारी और सूचनाओं की समीक्षा करना. एडीजी स्पेशल ब्रांच पूरी कार्रवाई पर नजर रख रहे हैं.