रांची: शनिवार दो नवंबर को विजयनगरम-बोटलम के बीच हुए हादसे के बाद सोमवार को 13352 अल्लपुंजा (एलप्पी) – धनबाद एक्सप्रेस हटिया स्टेशन पहुंची. इस ट्रेन से हादसे के शिकार यात्री भी आये. हटिया पहुंचते ही स्थानीय परिजनों को देख इनका दुख फूट पड़ा और लोग रोने लगे.
श्वेता के पति मनोज कुमार सिंह चीत्कार मार रहे थे : हमर अखिया (आंख) के सामने कटा गेलक्ष्ए हम न बचावे सकिल .. स्टेशन पर पहले से ही उनके माता-पिता व परिवार के सदस्य व अन्य रिश्तेदारों के अलावा मंडल के वरीय मंडल यातायात प्रबंधक बीएन मंडल सहित अन्य उपस्थित थे. रेलवे की ओर से शवों को लेने में कोई परेशानी न हो, इसकी व्यवस्था की गयी थी. सुबह निर्धारित समय (8.20 बजे) पर यह ट्रेन स्टेशन पहुंची. पार्सल बोगी से मनोज सिंह की पत्नी श्वेता सिंह (33) 11 साल की बेटी संबिता कुमारी उर्फ खुशी व ढाई साल का बेटा शौर्य का शव लाया गया था.
एक ही परिवार के तीन लोगों के शव को देख सभी की आंखें नम थी. परिजन तीनों शव को लेकर पैतृक गांव औरंगाबाद के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के लखनीखाप (जसुइया मोड़) के लिए रवाना हो गये, जहां उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया. इसी ट्रेन से चंद्रपुरा निवासी तारा देवी व दो अन्य का भी शव लाया गया था. तारा देवी के शव को बोकारो भेज दिया गया. वहीं दो अन्य शव को रास्ते में ही पड़नेवाले संबंधित स्टेशन पर उनके परिजनों ने उतार लिया.
देखते ही देखते मनोज का परिवार उजड़ गया
देखते ही देखते मनोज का परिवार उजड़ गया. मनोज औरंगाबाद का रहनेवाला था. लखनीखाप गांव निवासी रामाधार सिंह के बड़े बेटे मनोज कुमार सिंह बेंगलुरु में रहते हैं. वह वहां पर आइटीसी कंपनी में ठेकेदार हैं. अपने बच्चे का छठ में मुंडन कराने के लिए गांव जा रहे थे. वह हटिया में उतर कर अपनी बहन व जीजाजी अखिलेश कुमार सिंह के यहां हरमू जानेवाले थे, जहां से पूरा परिवार गांव के लिए निकलता.
अफवाह बना काल
अफवाह के कारण यह हादसा हुआ. एस-वन कोच में शनिवार दो नवंबर को विजयनगरम-बोटलम के बीच यह अफवाह फैली कि ट्रेन में आग लग गयी है. कुछ यात्रियों ने चेन पुलिंग कर ट्रेन को रोक दी और कोच निकल कर भागने लगे कि इसी क्रम में दूसरी लाइन पर रायगढ़ -विजयवाड़ा पैसेंजर ट्रेन आ रही थी, जिसके चपेट में कई यात्री आ गये. इसी ट्रेन से आ रहे रविशंकर ने कहा कि ट्रेन में कोई यात्री एसिड लेकर सफर कर रहा था. एसिड के गिर जाने से धुआं उठने लगा. इसके बाद लोग धुएं को आग समझ लिये और अफरा-तफरी मच गयी.