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रांची में दहशत फैलाना चाहता था आइएम, बिग बाजार में आतंकी ताबिश ने रखा था बम

रांची: पटना में हुए ब्लास्ट में शामिल इंडियन मुजाहिदीन (आइएम) के आतंकी ताबिश नेयाज उर्फ अरशद ने ही वर्ष 2008 में रांची में कडरू मोड़ स्थित बिग बाजार में टाइम बम रखा था. इसी तरह के विस्फोटक इम्तियाज के घर से बरामद कुकर बम से मिले हैं. ताबिश को पटना ब्लास्ट के बाद मोतिहारी से […]

रांची: पटना में हुए ब्लास्ट में शामिल इंडियन मुजाहिदीन (आइएम) के आतंकी ताबिश नेयाज उर्फ अरशद ने ही वर्ष 2008 में रांची में कडरू मोड़ स्थित बिग बाजार में टाइम बम रखा था. इसी तरह के विस्फोटक इम्तियाज के घर से बरामद कुकर बम से मिले हैं. ताबिश को पटना ब्लास्ट के बाद मोतिहारी से गिरफ्तार किया गया है. पटना पुलिस के सामने उसने स्वीकार किया है कि इंडियन मुजाहिदीन की योजना बिग बाजार उड़ाने की थी. पटना पुलिस ने ताबिश के इस बयान से रांची पुलिस को अवगत कर दिया है.

कुकर बम जैसा ही था विस्फोटक : पटना ब्लास्ट के दिन स्टेशन से पकड़े गये रांची (धुर्वा के सीठियो गांव) निवासी आतंकी इम्तियाज के घर से बरामद कुकर बम की जांच में शामिल एक अधिकारी ने बताया : बिग बाजार मॉल में 31 अगस्त 2008 की शाम को मिले टाइम बम में जिस तरह के विस्फोटक पाये गये थे, उसी तरह के विस्फोटक इम्तियाज के घर से बरामद कुकर बम से मिले हैं. फर्क सिर्फ इतना है कि बिग बाजार में बम को केन में प्लांट किया गया था और इम्तियाज के घर से मिला बम प्रेशर कुकर में था.

31 अगस्त 2008 : शाम को मच गयी थी अफरा-तफरी
31 अगस्त 2008 की शाम 6.45 बजे बिग बाजार के कर्मचारी मो हामीद हसन ने मॉल के दूसरे तल्ले की सीढ़ी पर लावारिस केन देखा था. केन के ऊपर टाइमर लगा हुआ था. उसने शोर मचा कर इसकी सूचना सभी को दी. बम मिलने की सूचना पर तत्कालीन आइजी (प्रोविजन) एसएन प्रधान और तत्कालीन एसएसपी एमएस भाटिया पुलिस बल के साथ पहुंचे थे. रविवार शाम होने के कारण मॉल में काफी भीड़ थी. किसी तरह मॉल को खाली कराया गया. रात के 10.40 बजे हजारीबाग से बम निरोधी दस्ता पहुंचा. इसके बाद रात के 11.00 बजे बम को मॉल से बाहर लाया गया था. रात के करीब 11.25 बजे बम निरोधी दस्ते ने बम को ब्लास्ट कर डिफ्यूज किया था.

क्या कहा था अधिकारियों नेतत्कालीन आइजी (प्रोविजन) एसएन प्रधान ने बताया था कि टाइम बम में अमोनियम पाउडर, बारूद और फाइबर का इस्तेमाल किया गया था. विस्फोट कराने के लिए टाइमर और सर्किट का इस्तेमाल किया गया था.

बम डिफ्यूज कर से गयी पुलिस
बम डिफ्यूज किये जाने के बाद एसएन प्रधान ने आशंका जतायी थी कि घटना में आतंकवादियों का हाथ हो सकता है. पर कुछ ही दिन बाद झारखंड पुलिस इस मामले को भूल गयी. घटना को लेकर चुटिया थाना में कांड संख्या-162/2008 दर्ज किया गया था. पर कोई जांच नहीं हो पायी.

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