रांची: नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के कुंदन पाहन दस्ते के दो नक्सली रामपदो लोहरा और प्रवीण कुमार भगत ने पुलिस के समक्ष सरेंडर कर दिया. सरेंडर करनेवाले नक्सलियों को ग्रामीण एसपी एसके झा ने तत्काल सरेंडर योजना के तहत 50-50 हजार रुपये का लाभ दिया.
प्रवीण कुमार भगत पूर्व में गौतमधारा एरिया कमेटी के कमांडर राम मोहन दस्ते के लिए काम करता था, लेकिन बाद में वह कुंदन पाहन दस्ते के लिए काम करने लगा. वर्ष 2005 में रामपदो महतो कुंदन पाहन के पास अपने पैतृक जमीन का विवाद निबटारा करने पहुंचा था. इसके बाद रामपदो कुंदन पाहन के प्रभाव में आकर दस्ते का सदस्य बन गया. सरेंडर करने से पूर्व वह बुंडू, तमाड़, अड़की, मुरहू इत्यादि क्षेत्र करीब सात घटनाओं को अंजाम दे चुका है. बताया जाता है कि पार्टी में मान सम्मान और प्रतिष्ठा कम मिलने और पार्टी की गलत नीतियों के कारण रामपदो ने विगत तीन वर्ष पूर्व पार्टी छोड़ दिया था. सरेंडर करने से पूर्व दोनों नक्सल केस में जेल जा चुके हैं. लेकिन जेल से निकलने के बाद दोनों नक्सल गतिविधियों में सक्रिय हो गये थे. यह जानकारी मंगलवार की शाम संवाददाता सम्मेलन में ग्रामीण एसपी एसके झा ने दी.
डीएसपी हत्याकांड में थी रामपदो की तलाश
ग्रामीण एसपी ने बताया विगत वर्ष 2008, 30 जुलाई को तमाड़ थाना क्षेत्र में नक्सलियों ने लैंड माइन विस्फोट किया था, जिसमें डीएसपी प्रमोद कुमार सहित छह पुलिसकर्मी शहीद हो गये थे. इस मामले में रामपदो महतो की तलाश पुलिस को थी. रामपदो महतो का कहना है कि वह घटना में शामिल नहीं था. वह घटना के संबंध में कुछ जानता तक नहीं है.
सरेंडर में मिली राशि से करेंगे व्यवसाय
रामपदो व प्रवीण ने कहा संगठन में रहते उन्हें परिवार से दूर जंगलों भटकना पड़ता था. संगठन के पुराने साथी, जो पहले सरेंडर कर चुके हैं, उनसे उन्हें उनसे प्रेरणा मिली. इसके बाद उन्होंने भी समाज की मुख्यधारा से जुड़ने की ठानी. कुछ रुपये परिजनों को भी देंगे. रामपदो और प्रवीण ने अपने पुराने साथियों से भी सरेंडर करने की अपील की है.