रांची: राज्य के मुख्य आयकर आयुक्त केके सिन्हा ने कहा है कि व्यवसायी कमल सिंघानिया और उनके भाइयों का काम सरकार विरोधी है. इस घटना से हम लोगों को सीख मिली है. उन्होंने संवाददाताओं से ये बातें कहीं. श्री सिन्हा ने घटना का विस्तृत ब्योरा भी दिया.
उन्होंने कहा कि सिंघानिया के प्रतिष्ठान में कानूनी तरीके से सर्वे के लिए अधिकारी पहुंचे थे. उनके साथ पुलिस भी थी. इसके बावजूद मारपीट हुई. सहायक आयुक्त विद्या रतन किशोर को सिर में गंभीर चोट लगी. इंस्पेक्टर कुंदन पांडेय को भी चोट लगी है. उनसे कागजात और मोबाइल छीने गये. पुलिस हस्तक्षेप के बाद कागजात और मोबाइल लौटाये गये.
सिंघानिया बंधुओं व उनके कर्मचारियों द्वारा ऐसा करने का उद्देश्य अधिकारियों को डरा कर सरकारी काम में बाधा पहुंचाना था. हम लोग किसी करदाता से इस तरह गैरकानूनी और आपराधिक कार्य की आशंका नहीं रखते थे. उन लोगों की कोशिशों के बावजूद अफसरों का मनोबल नहीं टूटा. रात भर दुकान और गोदाम के स्टॉक की सूची बनायी गयी. अब उनसे इसका हिसाब किताब मांगा गया है. कल हुई इस घटना से हम लोगों को सीख मिली है. भविष्य में सर्वे या छापा के दौरान भारी संख्या में पुलिस बल व अधिकारियों को तैनात किया जायेगा. प्राथमिकी दर्ज कराने के बद हम लोग पुलिस अधिकारियों के संपर्क में हैं. डीजीपी और आइजी से बात हुई है. एसएसपी दफ्तर आये थे. वह अभियुक्तों पर कार्रवाई कर रहे हैं.
सिंघानिया से पूछताछ 29 को
आयकर विभाग ने पूछताछ के लिए कमल सिंघानिया को बुलाया है. उन्हें 29 अक्तूबर को आयकर विभाग में हाजिर होने का निर्देश दिया गया है. इधर आयकर अधिकारियों ने सर्वे के दौरान दुकान और गोदाम में उपलब्ध पटाखों के स्टॉक का ब्योरा तैयार किया. कमल सिंघानिया को दस्तावेज सौंपने का निर्देश दिया गया है. दुकान और गोदाम में 24 को शुरू हुआ सर्वे 25 अक्तूबर की सुबह करीब सात बजे समाप्त हुआ.