रांची: यूनिसेफ झारखंड के प्रमुख जॉब जकारिया ने कहा कि झारखंड भारत में ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में सबसे कुपोषित राज्य है. यहां का हर दूसरा बच्चा कुपोषित है. कुपोषण को लेकर आम धारणा है कि इसका मुख्य कारण गरीबी है.
परंतु सच्चाई इससे अलग है. कुपोषण के लिए गरीबी एक कारण है, परंतु जानकारी का अभाव होना कुपोषण का प्रमुख कारण है. श्री जकारिया ने गैर सरकारी संस्था केजीवीके का दौरा किया. इस क्रम में उन्होंने प्रभात खबर से विशेष बातचीत के दौरान इस तथ्य से अवगत कराया.
उन्होंने कहा कि बच्चों में स्तनपान की कमी, बच्चों को होनेवाले डायरिया, निमोनिया जैसी बीमारियों का सही समय पर इलाज न होना, लो बर्थ वेट (बच्चों का कम वजनी होना), गर्भवती महिलाओं की सही देखभाल व टीकाकरण में कमी आदि कुपोषण के प्रमुख कारण हैं. यदि आम लोग इन बातों के प्रति सजग व जागरूक हो जायें, तो झारखंड में कुपोषण की समस्या में बहुत हद तक कमी लायी जा सकती है.
अब औद्योगिक घरानों को दो प्रतिशत खर्च करना आवश्यक : यूनिसेफ झारखंड प्रमुख ने बताया कि कंपनी एक्ट के तहत एक नया कानून चालू वित्तीय वर्ष 2013-14 से आया है. कंपनी एक्ट के तहत रजिस्टर्ड औद्योगिक घरानों व संस्थाओं को अपने लाभांश का दो प्रतिशत नौ क्षेत्रों में खर्च करना कानूनी तौर पर जरूरी होगा. इन क्षेत्रों में स्वास्थ्य, पोषण, शिशु व मातृ मृत्यु दर में कमी लाने, पेयजल व स्वच्छता, भूखमरी, गरीबी उन्मूलन, खेलकूद, सांस्कृतिक क्रियाकलाप, पर्यावरण आदि विषय शामिल किये गये हैं. यूनिसेफ झारखंड में उपरोक्त विषयों के अलावा शिक्षा, क्षमता विकास, बाल संरक्षण, पंचायती राज सशक्तीकरण आदि के क्षेत्र में भी काम कर रहा है.