रांची: न्यू मधुकम में बुधवार को विवाद के बाद केश्वर राय की हत्या कर दी गयी. यह वही सेना के जवान लांस नायक केश्वर राय हैं, जो कारगिल युद्ध में शामिल थे औरसिग्नलरेजीमेंट में कार्यरत थे.
उन्हें कारगिल की लड़ाई में उत्कृष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति के हाथों सेना मेडल से नवाजा गया था. केश्वर राय अपने कार्यकाल में भूटान, लेह और लद्दाख सहित कई स्थानों पर तैनात रह चुके थे. 18 वर्ष तक नौकरी करने के बाद वह 2001 में सेवानिवृत्त हुए थे. 2006 में वह सैप में शामिल हुए. वर्तमान में वह औरंगाबाद के मदनपुर थाने में पोस्टेड थे.
सेना के पदाधिकारियों ने की पूछताछ
दीपाटोली स्थित सिग्नल रेजीमेंट के सीओ के आदेश पर सेना के चार पदाधिकारी नायक सुबेदार अनिल कुमार, हवलदार एसके सिंह, एस उरांव व रंजीत तिर्की शुक्रवार को केश्वर राय के घर पहुंचे. जवानों ने उनके परिजनों से घटना की जानकारी ली. दो दिन बाद ले जेनरल भी केश्वर राय से परिवार से मिलेंगे.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट बदला गया है: जीतलाल
केश्वर राय के साले जीतलाल यादव जो 286 मीडियम रेजीमेंट कारगिल में पोस्टेड हैं, ने कहा कि पुलिस के कहने पर चिकित्सकों ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट को बदल दिया है. पुलिस ने डीबीएल बंदूक से गोली चलने की बात कही है, छर्रा से गोली लगा होता, तो जिस स्थान पर गोली लगी है, वहां पूरा भाग काला हो जाता. पीछे से गोली निकलती,तो वहां बड़ा निशान होता. गोली नाइन एमएस पिस्टल से चली है.
हवाई फायरिंग की गयी थी: धनवा देवी
केश्वर राय की चाची धनवा देवी ने कहा कि जब शाम में सैकड़ों लोग केश्वर के घर में घुस गये थे, उसके बाद उसके पुत्र ने राइफल से हवाई फाररिंग की थी. केश्वर राय और उनकी पत्नी राजमणी देवी पुत्र को रोक रही थी. हमला करनेवाले लोगों के हाथों में पिस्तौल था. उन्होंने ही गोली मारी. पुलिस कह रही है कि राइफल की गोली उसे लगी है, जो गलत बात है. पुलिस रिश्वत लेकर दूसरे पक्ष का समर्थन कर रही है.
विवाद में गोली चली: मिट्ठू
मिठु कुमार ने कहा कि नाली की विवाद के कारण केश्वर सिंह को दूसरे पक्ष के लोगों ने गोली मार दी. हालांकि यह ऐसा विवाद था, जिसे आपस में सुलझाया जा सकता था.
गिरफ्तार तीनों युवक जेल गये
मधुकम मुहल्ले में केश्वर राय की हत्या के आरोपी अभिषेक चौधरी, रुपेश और नीरज को सुखदेवनगर पुलिस ने गिरफ्तार कर शुक्रवार को जेल भेज दिया. उन्हें बुधवार की रात बुंडू से गिरफ्तार किया गया था.
गली में पसरा था सन्नाटा
जिस गली में घटना घटी, वहां शुक्रवार को सन्नाटा पसरा हुआ था. किसी भी अनजान व्यक्ति को उस गली के लोग शक की निगाह से देख रहे थे. केश्वर राय के घर से पहले पुलिस कैंप कर रही थी. रैप के महिला और पुरुष जवानों को लगाया था.
पुलिस प्रशासन के प्रति लोगों में है गुस्सा
न्यू मधुकम में जिस तरह से नाली विवाद के बाद मामला हत्या तक जा पहुंचा, उससे पुलिस की कार्यप्रणाली पर बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं. मारपीट की सूचना के बाद पुलिस यदि त्वरित कार्रवाई करती, तो विवाद नहीं बढ़ता. सुखदेवनगर थानेदार के प्रति लोगों में अधिक आक्रोश है.
लोगों के अनुसार केश्वर राय की हत्या से पहले पुलिस ने जितनी बड़ी गलती की, इससे भी बड़ी गलती सड़क जाम के दौरान की. पुलिस ने शव को जबरन जीप में लादा और अंतिम संस्कार के लिए मुक्तिधाम ले गये. लोगों में इस बात को लेकर भी आक्रोश है. मुहल्ले में तनाव खत्म हो, इसे लेकर पुलिस गंभीर नहीं है. पुलिस ने मुहल्ले में फोर्स की तैनाती कर अपने काम को समाप्त मान लिया है. मुहल्ले में आपसी भाईचारगी कायम करने के लिए पुलिस-प्रशासन की तरफ से शुक्रवार को भी कोई कदम नहीं उठाया गया. ऐसे मौकों पर तनाव कम हो, इसे लेकर प्रशासनिक तौर पर शांति समिति की बैठक करायी जाती है, लेकिन प्रशासन की ओर से यह पहल भी नहीं की गयी. बहरहाल मुहल्ले के लोग अब भी सशंकित हैं कि कोई बड़ी घटना न हो जाये.