रांची: अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच के आयोजन के लिए जेएससीए का भव्य स्टेडियम तैयार है, पर शहर बदहाल है. अंतरराष्ट्रीय स्तर के इस स्टेडियम से रांची की पहचान तो बनी है, पर देश-विदेश से आनेवाले अतिथियों पर शहर छाप नहीं छोड़ पायेगा.
बाहर से आनेवाले खिलाड़ियों-अतिथियों के सामने शहर के सच की पोल खुलेगी. टूटी-फूटी सड़कें, बजबजाती नालियां, ट्रैफिक -जाम जैसी समस्याओं से उन्हें दो-चार होना पड़ेगा. ऐसी व्यवस्था में रांची की छवि अच्छी नहीं बनेगी. शहर के हालात को बयां करती यह रिपोर्ट.
गंदगी व कचरों का ढेर
रांची रेलवे स्टेशन से निकलते ही ओवरब्रिज जानेवाली सड़क पर बायीं ओर गंदगी व कचरे का ढेर दिखता है. यहीं पर सड़क के किनारे ही लोग लघु शंका करते हैं. यहां से गुजरनेवाले यात्री नाक पर रूमाल रख कर आना-जाना करते हैं. मेन रोड चर्च कांप्लेक्स के सामने भी कचरे का अंबार है. ओल्ड एचबी रोड सहित शहर की बाकी सड़कों पर भी जहां तहां कचरा फैला हुआ है. कांटाटोली बस स्टैंड पर भी कीचड़ और गंदगी का अंबार है.
सड़कों पर गड्ढे
शहर की कई सड़कें अभी भी बदहाल है. ओल्ड एचबी रोड में कब्रिस्तान से से लेकर कांटाटोली चौक तक 70 से भी ज्यादा गढ्ढे हैं. बहूबाजार, सिरोमटोली चौक के पास भी सड़कें उखड़ी हुई है. मिशन चौक के पास काफी बड़ा गड्ढा है, जिसमें पानी जमा है. करमटोली चौक से बरियातू जाने की सड़क पर डीएवी इंटरनेशनल स्कूल के सामने सड़क जजर्र है. शहीद चौक से अपर बाजार जाने के रास्ते भी खराब दशा में है. शहर की ज्यादातर सड़कों के किनारे नालियां भी जाम है.
चौक चौराहों पर जाम
व्यस्त समय में खास कर स्कूल कॉलेज व कार्यालय आने जाने के वक्त सभी प्रमुख चौराहें जाम हो जाते हैं. सुजाता चौक, कांटाटोली चौक, लालपुर चौक, रातू रोड चौराहा व अन्य सड़कें जाम रहते हैं. इसका कारण चौक चौराहों पर ही ऑटो व बस रोककर सवारियों को बैठाना, उतारना है. ऑटो, रिक्शा यहां तक कि आम लोग भी बेतरतीब तरीके से वाहन चलाते हैं. इससे भी जाम लगता है और लोगों को परेशानी होती है.