रांची: जेएसइबी के डाटा सेंटर का उदघाटन कुसई कॉलोनी में गुरुवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किया. इस मौके पर सीएम ने कहा कि अब राज्य में बिजली वितरण की समस्या समाप्त होने जा रही है. उपभोक्ताओं को इस सेंटर का समुचित लाभ मिले, इस पर खास ध्यान देने की जरूरत है.
सेंटर के प्रति जवाबदेही ईमानदारी से निभायी जायेगी, तो सिस्टम भी बेहतर होगा. आरएपीडीआरपी की राशि समय पर खर्च नहीं करने से यह राज्य पर ऋण बन जाता है.
इसके पूर्व अपने स्वागत भाषण में ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव विमल कीर्ति सिंह ने कहा कि आरएपीडीआरपी के द्वितीय चरण के लिए 1150 करोड़ रुपये स्वीकृत हो चुके हैं. राज्य में 22 सौ करोड़ की लागत से ट्रांसमिशन लाइन की योजना चल रही है. रांची व जमशेदपुर के लिए फ्रेंचाइजी दिया गया है. ग्रामीण क्षेत्रों में 26 जगहों की फ्रेंचाइजी दी जा चुकी है. 30 शहरों में आरएपीडीआरपी के तहत विद्युत सुदृढ़ीकरण का काम हो रहा है. धन्यवाद ज्ञापन करते हुए बोर्ड अध्यक्ष एसएन वर्मा ने कहा कि झारखंड देश में 10वां स्टेट है, जिसने डाटा सेंटर का निर्माण कर लिया है. मार्च 2014 तक सारे शहर इससे जुड़ जायेंगे.
तीन वर्ष में 15000 मेगावाट उत्पादन होने लगेगा : ऊर्जा मंत्री
ऊर्जा मंत्री राजेंद्र सिंह ने कहा कि तीन वर्षो में झारखंड में 15 हजार मेगावाट बिजली का उत्पादन होने लगेगा. पलामू व गढ़वा ग्रिड का उदघाटन 30 अक्तूबर को किया जायेगा. जल्द ही तेनुघाट से दुमका ट्रांसमिशन लाइन जोड़ी जायेगी. मंत्री ने मुख्य सचिव की तारीफ करते हुए कहा कि सौभाग्य है कि ऐसे मुख्य सचिव राज्य को मिले हैं.
पावर डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम में गवर्नेस आयेगा : मुख्य सचिव
मुख्य सचिव आरएस शर्मा ने कहा कि इस व्यवस्था से पावर डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम में गवर्नेस आयेगा. टेक्नोलॉजी एक माध्यम है, जिसे कोस्ट इफेक्टिवनेस बनाना चाहिए. कोई भी काम हो, उसमें पारदर्शिता रहनी चाहिए. सीएस ने कहा कि जो तकनीक है, उसका भरपूर इस्तेमाल होना चाहिए. फाइल ट्रैकिंग सिस्टम जैसा नहीं होना चाहिए कि कोई इसका इस्तेमाल ही न करे.
हेमंत सोरेन ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष का बिजली बिल मांगा
डाटा सेंटर के भ्रमण के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष सुखदेव भगत का बिजली बिल मांगा. श्री भगत का कंज्यूमर नंबर मांगा गया, जो उपलब्ध नहीं कराया जा सका. इस कारण सुखदेव भगत नाम के दो व्यक्तियों का बिल निकल गया. इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इन दोनों में से ही कोई एक होगा.
क्या है डाटा सेंटर
भारत सरकार की आरएपीडीआरपी योजना के तहत डाटा सेंटर का निर्माण किया गया है. इसके माध्यम से 30 शहरों को ऑनलाइन बिलिंग व कलेक्शन की सुविधा दी जायेगी. वर्तमान में लोहरदगा शहर ऑनलाइन किया गया है. बिजली वितरण के लिए सभी ट्रांसफारमर एवं फीडर में मीटर मॉडम व सिम लगाये गये हैं. इससे बिजली की स्थिति की जानकारी मिलेगी. एनर्जी ऑडिट होगी. एपीडीआरपी के प्रभारी एमसी कर्ण ने बताया कि डाटा सेंटर के माध्यम से उपभोक्ताओं को हेल्पलाइन नंबर 06513041111 दिया गया है, जिसमें बिजली से संबंधित शिकायतें की जा सकती है. उपभोक्ता ऑनलाइन बिल देख सकते हैं, ऑनलाइन बिल का भुगतान भी कर सकते हैं. डाटा सेंटर के लिए एयरटेल से नेटवर्क, एचसीएल व पीएफसी का सहयोग लिया गया है.