`* रांची मे फैलिन का असर, देखें तस्वीरें
*फैलिन को लेकर पुरी में दहशत, ट्रेनें रद्द
*चक्रवात के खतरे के मद्देनजर श्रीकाकुलम से 52,000 लोगों को बाहर निकाला गया
नयी दिल्ली :ओड़िशा और आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में कहर बरपाने के बाद चक्रवाती तूफान ‘फैलिन’रविवार शाम कमजोर होकर ‘‘गहरे दबाव क्षेत्र’’ में तब्दील हो गया.मौसम विभाग के वैज्ञानिक एम महापात्र ने कहा कि ‘‘चक्रवाती तूफान’’ अब कमजोर होकर ‘‘गहरे दबाव क्षेत्र’’ में तब्दील हो गया और हवा की रफ्तार घटकर 45-55 किलोमीटर प्रतिघंटा रह गयी है.
उन्होंने कहा कि अभी ‘फैलिन’ उत्तरी छत्तीसगढ़, ओड़िशा के कुछ हिस्सों और झारखंड में है. देर रात तक इसके और कमजोर पड़ने की संभावना है.मौसम विभाग ने कहा कि अगले 48 घंटों में बिहार में भारी बारिश होगी और उसके बाद ‘फैलिन’ अगले 72 घंटों में नेपाल के हिमालयी क्षेत्र में दाखिल हो जाएगा.
इससे बिहार में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो सकते हैं. दोनों राज्यों से रविवार रात प्राप्त सूचना के मुताबिक 23 लोगों की मौत हो गई जिसमें 21 लोग ओड़िशा के हैं. लोगों के मरने का मुख्य कारण वृक्षों का गिरना और घरों का क्षतिग्रस्त होना रहा.
पनामा में पंजीकृत मालवाहक पोत एम. वी. बिंगो के बारे में सूचना है कि तूफान के प्रभाव के कारण वह पश्चिम बंगाल के तट के नजदीक समुद्र में डूब गया लेकिन तटरक्षक बल के डोर्नियर विमान ने क्रू के सदस्यों को जीवनरक्षक नाव में देखा.
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकार (एनडीएमए) के उपाध्यक्ष एम शशिधर रेड्डी ने कहा, ‘‘जिस तरह लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया उसे लेकर हम कुल मिलाकर बहुत संतुष्ट हैं.’‘गोपालपुर में ‘‘करीब 90 से 95 प्रतिशत लोगों को निकाल लिया गया था’‘. तूफान सबसे पहले गोपालपुर ही पहुंचा था.
तूफान से बुरी तरह से प्रभावित हुए आधारभूत ढांचे को बहाल करने तथा राहत एवं पुनर्वास कार्य के लिए रक्षा और अद्धसैनिक कर्मियों को लगाया गया है.
हावड़ा और पुरी के बीच ट्रेन सेवाएं बहाल
चक्रवात फैलिन के अपनी तीव्रता खोने के साथ ही पूर्व तट रेलवे ने रविवार को हावड़ा और पुरी के बीच ट्रेन सेवाएं बहाल कर दीं.पूर्वी तटीय रेलवे के प्रवक्ता ने बताया कि खुर्दा रोड स्टेशन और पल्सा के बीच सेवाएं अब भी निलंबित हैं क्योंकि मार्ग पर यातायात बहाली का काम अब भी चल रहा है.

ओवरहेड उपकरणों की जरुरी मरम्मत, सिग्नल प्रणाली की जांच और उखड़े हुए पेड़ों को हटाने और रेल पटरियों से मलबा हटाने के बाद सेवाएं बहाल कर दी गई हैं. उन्होंने बताया कि रेलवे ने चक्रवात के कारण एहतियाती उपाय के तौर पर कुछ खंडों के बीच सारी ट्रेनों को रद्द कर दिया था.
चक्रवात से 90 लाख लोग प्रभावित,फसलों,मकानों को बड़ा नुकसान
गोपालपुर : भीषण चक्रवाती तूफान फैलिन अनुमान के अनुसार ही शनिवार रात ओडिशा के तट पर पहुंचा और तबाही मचायी लेकिन पर्याप्त एहतियात बरतने के कारण जनहानि नहीं हुई. तूफान से करीब 90 लाख लोग प्रभावित हुए हैं, 2.34 लाख घर क्षतिग्रस्त हो गये जबकि 2400 करोड़ रुपये की धान की फसल बर्बाद हो गई.

इस तूफान को गत 14 वर्षों में आया सबसे भीषण तूफान माना जा रहा है लेकिन इससे 1999 में आये तूफान के मुकाबले तबाही काफी कम रही. इससे गंजाम जिला सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. चक्रवाती तूफान कल रात गोपालपुर तट से गुजरा तो हवा की गति 220 किलोमीटर प्रति घंटे थी. इससे संचार सम्पर्क बुरी तरह से प्रभावित हुये हैं.
तूफान बाद में कमजोर होकर एक कम दबाव में तब्दील हो गया. ओड़िशा में प्रशासन ने चक्रवाती तूफान आने से पहले ही करीब नौ लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंच दिया गया था जो कि हाल के इतिहास में सबसे बड़ी संख्या है. इन लोगों को राहत शिविरों और स्कूल जैसी सार्वजनिक इमारतों में ठहराया गया. यह कवायद इसलिए की गई ताकि वर्ष 1999 के विनाशकारी चक्रवात जैसी स्थिति की पुनरावृत्ति रोकी जा सके जिसमें 9885 लोग मारे गए थे.
ओडिशा में पुनर्निर्माण,पुनर्वास कार्य शुरु
चक्रवात फैलिन के कमजोर पड़ने के साथ ओडिशा सरकार ने रविवार को 12 जिलों में राहत एवं पुनर्निर्माण कार्य शुरु कर दिया जहां 80.53 लाख लोग प्रभावित हुये हैं.मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा, ‘‘पुनर्वास बड़ी चुनौती होगी.’’ उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमारी पहली प्राथमिकता लोगों की जान बचाना था और हम इसमें सफल रहे.’’चक्रवात के प्रवेश करने का स्थान गंजाम सबसे अधिक प्रभावित रहा, जिसके बाद पुरी में तूफान का प्रभाव देखा गया.

ओडिशा के राजस्व एवं आपदा मंत्री एस एन पात्र ने कहा कि अन्य तटीय जिले बालेश्वर, भाद्रक, कटक, गजपति, जाजपुर, जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, खुर्दा, क्योंझर, कंधमाल और नयागढ में हालंकि कम प्रभाव पड़ा है. उन्होंने कहा, ‘‘हमने राहत एवं पुनर्निर्माण कार्य शुरु कर दिया है. हमारे लोग पहले ही क्षेत्र में है. राज्य सरकार की प्रथमिकता अब पुनर्निर्माण एवं प्रभावित लोगों का पुनर्वास करने की है.’’
झारखंड में भारी बारिश,बिहार में बाढ़ का खतरा
रांची:ओड़िशा में आया चक्रवाती तूफान फैलिन का असर झारखंड में भी दिखा. झारखण्ड के कई इलाकों में भारी बारिश के साथ तेज हवायें चली.. रात से ही कई इलाकों में बारिश हो रही है. राजधानी रांची में दुर्गा पूजा पंडाल के मुख्य द्वार गिर गये हैं. शहर के कई मुख्य सड़के बाधित हो गयी है.

झारखंडमें कई इलाके हैं जहां इस तूफान का असर अधिक देखने को मिल रहा है, जैसे:रांची, खूंटी, गुमला, सिमडेगा, पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला, धनबाद, जामताड़ा, बोकारो, लातेहार, पलामू. कई इलाकों में रात से ही बिजली गुल है.ओडिशा और आंध्रप्रदेश के तटीय इलाके में आये शक्तिशाली तूफान ‘फैलिन’ की तीव्रता कम होने का जिक्र करते हुए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकार ( एनडीएमए ) के उपाध्यक्ष एम शशिधर रेड्डी ने कहा है कि सटीक पूर्वानुमानों के कारण राहत कार्य में काफी मदद मिली है और तूफान के कारण आगे चलकर छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल एवं पूर्वाचल में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है.

रेड्डी ने कहा, ‘‘चक्रवात अभी फूलबनी में केंद्रित है. स्थानीय तौर पर ओडिशा के तूफान प्रभावित क्षेत्र में इसकी रफ्तार पहले से कम हुई है. पहले अनुमान था कि इसके कारण 20 से 25 सेंटीमीटर बारिश होगी लेकिन अब 10 से 15 सेंटीमीटर बारिश का पूर्वानुमान व्यक्त किया गया है.’’उन्होंने कहा कि इससे नुकसान कम होने का अनुमान है, जो थोड़ी राहत की बात है.

उन्होंने कहा, ‘‘आगे चलकर इसके कारण छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार, पूर्वाचंल के इलाकों और पश्चिम बंगाल में भारी से अत्याधिक बारिश हो सकती है. हम सभी राज्यों के सम्पर्क में है और जरुरत पड़ने पर वहां टीम भेजी जायेगी.’’ एनडीएमए के उपाध्यक्ष ने कहा कि चक्रवात का केंद्र रहे गोपालपुर में पहले ही 90 से 95 प्रतिशत लोगों को निकाल लिया गया था. ‘‘यह हमारे लिये चुनौती थी, जिसमें हमें काफी सफलता मिली है.’’यह पूछे जाने पर कि उत्तराखंड त्रसदी के समय एनडीएमए ने आपदा से निपटने एवं कार्रवाई के संदर्भ में एक व्यापक रिपोर्ट तैयार करने की पहल की थी, रेड्डी ने कहा, ‘‘इस पर काफी काम किया गया है. हर मंत्रालय और एजेंसी से बात की गई है और उनसे कार्ययोजना एवं सुझाव प्राप्त किये गए हैं.’’
फैलिन से मची तबाही, लकड़ी व एस्बेस्टस की चादरें उड़ीं, सात की मौत
ओडिशा, श्रीकरकाकुलम, आंध्र प्रदेश: 1999 के खतरनाक महाचक्रवात के बाद अब तक का दूसरा सबसे भीषण चक्रवाती तूफान ‘फैलिन’ शनिवार रात ओडिशा के तट पर आ पहुंचा, जिसकी वजह से राज्य और निकटवर्ती उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश में मूसलाधार बारिश हुई और200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलीं.

ओडिशा के तटीय जिलों, खासतौर से गंजाम, जहां का गोपालपुर-आन-सी तूफान का प्रवेश बिंदु था, में चारों तरफ अंधकार था, तूफान के वेग के कारण पेड़ और बिजली के खंबे उखड़ गए. भारी वर्षा के कारण लोग घरों के भीतर रहे और सड़कों पर वाहन रुक गए.राजधानी भुवनेश्वर के अलावा राज्य के तटीय जिलों गजपति, खुर्दा, पुरी, जगतसिंहपुर, नयागढ़, कटक, भद्रक और केंद्रपाड़ा में भारी से बहुत भारी बारिश हुई.
हालांकि चक्रवात से हुए नुकसान के बारे में अभी मालूम नहीं हो सका.तूफान से पहले हुई भारी वर्षा से ओडिशा में सात लोगों की मौत हो गई है. इनमें से एक महिला सहित तीन लोगों की मौत पेड़ गिरने के कारण हुई. मौसम विभाग के महानिदेशक एल. एस. राठौर ने नई दिल्ली में संवाददाताओं को बताया कि चक्रवात ने गोपालपुर कस्बे के बहुत नजदीक रात नौ बजे के करीब दस्तक दी और ओडिश्सा के तट को पार करना शुरु कर दिया.

पश्चिम बंगाल में फैलिन का असर नहीं
उन्होंने कहा, ‘‘अभी चक्रवात की रफ्तार बढ़ने की आशंका बनी हुई है और यह छह घंटे तक बहुत भीषण रह सकता है. तटीय इलाके में पहुंचने के बादभी इसके वेग में कोई ज्यादा कमी नहीं आने वाली. ’’उन्होंने बताया कि चक्रवात के कारण अगले 12 से 24 घंटे में पूर्वी भारत के बड़े भूभाग में मध्यम बारिश हो सकती है.उन्होंने इस बात से इंकार किया कि ‘फेलिन’ एक महाचक्रवात है.
चक्रवात के कारण करीब छह लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. इनमें ओडिशा के साढ़े चार और आंध्र प्रदेश के एक लाख से अधिक लोग शामिल हैं.आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम, विजयनगरम और विशाखापतनम जिलों के निचले इलाकों में रहने वाले 1,29,100 लोगों को 115 राहत शिविरों में पहुंचाया गया है.
आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री एन. किरण कुमार रेड्डी ने शनिवार देर रात चक्रवात फैलिन की समीक्षा की और उत्तर तटीय जिले के पूरी सरकारी मशीनरी को हाई अलर्ट कर दिया है.मौसम विभाग के अधिकारियों ने बताया कि चक्रवात का केंद्र 15 किलोमीटर में फैला हुआ है और इसकी प्रबलता रविवार की सुबह तक बने रहने की आशंका है.
भारतीय मौसम विभाग के महानिदेशक एल. एस. राठौड ने बताया कि कलिंगपट्म से पारादीप के बीच के इलाके को सबसे ज्यादा क्षति पहुंचेगी और गोपालपुर इसका केंद्र होगा.उन्होंने कहा, ‘‘बहुत गंभीर चक्रवातीय तूफान छह घंटे के बाद पहले चक्रवातीय तूफान में बदलेगा और फिर गहरे दबाव का क्षेत्र बनेगा.’’सेना, भारतीय वायुसेना, नौसेना, सीआरपीएफ और राष्ट्रीय आपदा कार्रवाई बल आपदा से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों में तैनात हैं.
चक्रवात के कारण हावड़ा और विशाखापतनम के बीच चलने वाली सभी रेलगाड़ियां रद्द कर दी गई हैं. ओडिशा के तटीय इलाकों और आंध्र प्रदेश के तीन तटीय जिलों में एहतियात के तौर पर बिजली आपूर्ति रोक दी गई है.‘फैलिन’ की वजह से विमान और रेल यातायात प्रभावित हुआ है और राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात रोक दिया गया है.एयर इंडिया, इंडिगो और जेट एयरवेज की भुवनेश्वर आने अथवा जाने वाली कम से कम 10 उड़ानों को रद्द कर दिया गया है. बीजू पटनायक अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निदेशक सरद कुमार ने पीटीआई को यह जानकारी दी.
रेलवे ने परिचालन प्रबंधन के लिए जरुरी कदम उठाए, 183 ट्रेनें रद्द
भारतीय रेलवे ने कहा कि चक्रवात ‘फैलिन’ से प्रभावित हो सकने वाले इलाकों में परिचालन के प्रबंध के लिए उसने जरुरी कदम उठाएं हैं और अपनी मशीनरी को भी मुस्तैद रखा है. यहां जारी एक बयान में कहा गया कि रेलवे बोर्ड के शीर्ष अधिकारी हालात पर लगातार नजर रख रहे हैं और पूर्वी तट, दक्षिण-मध्य रेलवे और दक्षिण-पूर्वी क्षेत्रों में क्षेत्रीय और मंडलीय स्तर पर आपातकालीन नियंत्रण कक्ष बनाए गए हैं.
इन क्षेत्रों के महाप्रबंधक व्यक्तिगत तौर पर सभी इंतजामों की निगरानी कर रहे हैं. जरुरी समर्थन मुहैया कराने के लिए बाकी क्षेत्रों को भी अलर्ट कियागया है. बयान में कहा गया कि एहतियात के तौर पर 96 मेल तथा एक्सप्रेस ट्रेनों सहित 183 ट्रेनें पूरी तरह रद्द कर दी गयी हैं जबकि 22 ट्रेनें आंशिक तौर पर रद्द की गयी हैं. 26 ट्रेनों के मार्ग में बदलाव किया गया है. बाकी के ट्रेनों को रद्द करने, मार्ग में बदलाव करने या आंशिक तौर पर रद्द करने के बारे में बाद में फैसला किया जाएगा.
रेलवे ने बताया कि क्षेत्रीय रेलवे नियमित अंतराल पर सूचना बुलेटिन जारी कर रहे हैं और ये सूचनाएं वेबसाइट पर अपलोड की जा रही हैं. सूचना हेल्पलाइनें और टिकट के पैसे वापस करने के लिए काउंटर भी बनाए गए हैं. रेल मंत्री मल्लिकार्जुन खड़गे ने यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करने केलिए कदम उठाने के निर्देश दिए हैं.
*ओडिशा, आंध्र की ओर तेजी से बढ़ रहा भीषण तूफान फैलिन
फैलिन के टकराने के बाद लकड़ी, कांच और एस्बेस्टस की चादरें उड़ीं
गोपालपुर, बरहमपुर: भीषण चक्रवात ‘फैलिन’ के गोपालपुर तट से टकराने के बाद इससे सटे दो शहरों में एस्बेस्टस की चादरें, टूटे हुए कांच और लड़की के टुकड़े जगह जगह विध्वंसक प्रक्षेप्यों की तरह उड़ते हुए दिख रहे हैं.
इन दोनों शहरों की सड़कें वीरान हैं और यहां स्थानीय लोगों द्वारा खाली किए गए घरों के बंद दरवाजों और खिड़कियों पर तेज हवाओं के थपेड़े पड़ रहे हैं.गंजाम जिले के सबसे बड़े शहर बरहमपुर में तेज हवाओं और भारी बारिश ने कंक्रीट के मजबूत ढांचों तक को हिला दिया है और ऐसे में यहां के लोग अपने रिहायशी मकानों के एक कोने में दुबके हुए हैं.
तूफान के समुद्र तट से टकराने के करीब 45 मिनट बाद बरहमपुर में तेज हवाओं के कारण कई वाहन पलट गए.दोनों ही शहरों की बिजली कटी हुई है और यहां भयभीत महिलाओं और बच्चों के चीखें सुनाई पड़ रही हैं. बरहमपुर में होटल चलाने वाले रमेश पटनायक ने पीटीआई से कहा, ‘‘हम बस यही प्रार्थना कर रहे हैं कि यह तूफान जल्द से जल्द खत्म हो जाए..यह बेहद डरावना है.’’ यहां घरों और होटलों में रह रहे लोग ईश्वर से इस तूफान से बचाने की प्रार्थना कर रहे हैं.
फैलिन प्रभाव : तटीय आंध्र से 1 . 29 लाख लोगों को बचाया गया
हैदराबाद: आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री एन. किरण कुमार रेड्डी ने शनिवार देर रात चक्रवात फैलिन की समीक्षा की और उत्तर तटीय जिले के पूरी सरकारी मशीनरी को हाई अलर्ट कर दिया है.
एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि अभी तक श्रीकाकुलम, विजयनगरम और विशाखापत्तनम जिले के 294 गांवों से एक लाख 29 हजार 100 लोगों को 115 राहत शिविरों में भेजा गया है.आपदा प्रबंधन आयुक्त टी. राधा ने कहा कि फैलिन से श्रीकाकुलम में 11 मंडल और विजयनगरम एवं विशाखापत्तन जिले के सात-सात मंडलों के प्रभावित होने की आशंका है.
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरु करें और बिजली आपूर्ति लाइनों की मरम्मत, सड़क और पेयजल सुविधाओं की बहाली का काम भी शुरु करें.
छह घंटे तक ज्यादा प्रबल रहेगा चक्रवात : मौसम विभाग
भारतीय मौसम विभाग ने बताया कि शनिवार रात ओड़िशा के गोपालपुर पहुंचा चक्रवात फैलिन गंभीर चक्रवातीय तूफान की प्रबलता को छह घंटे तक बनाए रख सकता है. अभी तूफान की गति 200 किलोमीटर प्रति घंटा है.
मौसम विभाग के अनुसार, गंजाम जिले के गोपालपुर में भारी बारिश हो रही है और करीब छह घंटे बाद चक्रवात के उत्तर-पश्चिम में राज्य के भीतर भाग में बढ़ने की संभावना है. इसके कारण राज्य के विभिन्न भागों में भारी वर्षा हो सकती है.इसके अनुसार, अगले छह घंटे तक 100-120 किलोमीटर प्रति घंटे के रफ्तार से आंधी चलेगी जबकि उसके बाद के छह घंटे में इसकी गति कम होकर 60-70 घंटा प्रति किलोमीटर रह जाएगी.
भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, अगले 48 घंटे में तटवर्ती जिलों गंजाम, पुरी, गजपति, खुर्दा, जगतसिंहपुर, नयागढ़, कटक, भद्रक और केंद्रपाड़ा में बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है.
सोनिया ने कहा चक्रवात प्रभावित राज्यों के लिए सरकार हरसंभव मदद करेगी
नयी दिल्ली: कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी ने शनिवार रात कहा कि ओडिशा और आंध्रप्रदेश के च्रकवात फैलिन की चपेट में आने को देखते हुए सरकार और उनकी पार्टी हरसंभव मदद करेगी.
सोनिया केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे के लगातार संपर्क में हैं और दोनों राज्यों में स्थिति का लगातार जायजा ले रही हैं. स्थिति पर लगातार निगरानी रखने वाली सोनिया ने कहा कि ‘‘इस बड़े प्राकृतिक आपदा’’ के वक्त में उनकी और पूरे कांग्रेस पार्टी की प्रार्थना ओडिशा और आंध्रप्रदेश के लोगों के साथ है. कांग्रेस की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि सोनिया गांधी चक्रवात के मद्देनजर स्थिति पर लगातार निगाह बनाए हुए हैं.
सोनिया ने कहा, ‘‘कांग्रेस पार्टी और सरकार किसी भी तरह की स्थिति से निपटने के लिए हरसंभव काम करेगी.’’ राहत और बचाव कार्य के लिए रांची से छह कॉलम सेना और विशाखापत्तन से आंध्रप्रदेश के जिलों में चार कॉलम सेना भेजी गई है. इसके अलावा किसी भी स्थिति के लिए सेना के एक इंजीनियरिंग दल को तैयार रखा गया है.
ओडिशा, आंध्रप्रदेश और पश्चिम बंगाल में एनडीआरएफ के दल तैनात हैं. संचार विभाग ने संचार उद्देश्य के लिए ओडिशा को 18 सैटेलाइट फोन, आंध्रप्रदेश को 16 सैटेलाइट फोन और एनडीआरएफ को दस सैटेलाइट फोन मुहैया कराया है.
महाचक्रवात नहीं है ‘फैलिन’ :मौसम विभाग
भारतीय मौसम विभाग के अधिकारियों ने यहां बताया कि चक्रवात ‘फैलिन’ ओडिशा के गोपालपुर से थोड़ी दूर दक्षिण में भारत के तट में प्रवेश किया और उस समय इसके तूफान की रफ्तार 200 किलोमीटर प्रति घंटा थी.
रात साढ़े आठ से नौ बजे के बीच भारत के तट पर पहुंचे इस चक्रवात का केंद्र 15 किलोमीटर के दायरे में फैला हुआ है. इसे पूरे तट को पार करने में करीब एक घंटे का वक्त लगेगा.
मौसम विभाग के महानिदेशक एल. एस. राठौर का कहना है, ‘‘चक्रवात की प्रबलता अगले छह घंटे तक बने रहने की आशंका है अर्थात् यह रविवार की सुबह तक प्रभावी रहेगा. चक्रवात के केंद्र का दायरा करीब 15 किलोमीटर का है इसका अर्थ है कि उसे तट को पार करने में करीब एक घंटे का समय लगेगा.’’उन्होंने कहा कि चक्रवात 200 किला्रमीटर प्रति घंटा के रफ्तार वाले तूफान के साथ यहां पहुंचा है. इसकी प्रबलता अभी तक नहीं होगी और यह पहले के अनुमान के मुताबिक 210-222 किलोमीटर प्रति घंटा का रफ्तार पकड़ सकता है.
उन्होंने फिर से दोहराया कि यह महा चक्रवात नहीं है और इसकी प्रबला का स्तर छह पाया गया है. उन्होंने कहा कि महा चक्रवात की प्रबलता का स्तर सात होता है जो वर्ष 1999 में ओडिशा में देखा गया था.
राठौर ने बताया कि कलिंगपट्म से पारादीप के बीच के इलाके को सबसे ज्यादा क्षति पहुंचेगी और गोपालपुर इसका केंद्र होगा. उन्होंने कहा, ‘‘बहुत गंभीर चक्रवातीय तूफान छह घंटे के बाद पहले चक्रवातीय तूफान में बदलेगा और फिर गहरे दबाव का क्षेत्र बनेगा.’’
लगातार दूसरे दिन भी समुद्र में फंसे हैं 18 मछुआरे
भुवनेश्वर: चक्रवात ‘फैलिन’ की चेतावनी दिए जाने के बावजूद समुद्र में गए 18 मछुआरे आज लगातार दूसरे दिन भी ओड़िशा के पारादीप तट के पास अपनी नौका में फंसे हुए हैं.
मध्य संभाग के राजस्व संभागीय आयुक्त ए के पाधी ने यहां ‘पीटीआई’ को बताया कि कल समुद्र की लहरों के बीच फंस जाने के बाद उन्होंने अपने मोबाइल फोन से बताया था कि वे संकट में हैं पर तटरक्षक बल के पोत समुद्र की उंची-उंची लहरों के कारण उनके पास पहुंच नहीं पा रहे.पाधी ने कहा कि उन्होंने मछुआरों को सुरक्षित बाहर निकालने की कोशिश करने के लिएवायुसेना से संपर्क साधा पर यह संभव नहीं है क्योंकि हवा की रफ्तार 20 नॉट से ज्यादा है.
ओड़िशा में तैनात किए गए थलसेना, वायुसेना और नौसेना के जवान
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के ताजा बुलेटिन में कहा गया है, चक्रवात पश्चिमोत्तर की ओर बढेगा और गोपालपुर (ओडिशा) के निकट कलिंगपट्टनम तथा पारादीप के बीच उत्तर आंध्र प्रदेश और ओडिशा तटों को शाम तक बहुत भयानक चक्रवाती तूफान के रुप में 210 से 220 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम रफ्तार की हवाओं के साथ पार करेगा.
उन्होंने बताया कि इसके प्रभाव से झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ और पूर्वी उत्तर प्रदेश में भारी बारिश होगी. अगले 48 घंटे तक ओडिशा, आंध्रप्रदेश,झारखंड और छत्तीसगढ में भारी बारिश हो सकती है.फैलिन तूफान का खतरा अब और करीब आ रहा है. शाम 6 बजे के करीब इस तूफान के ओडिशा और आंध्र प्रदेश के तटीय इलाके में आने का खतरा मंडरा रहा है.
फैलीन से निपटने को तैयार झारखंड
बंगाल की खाड़ी से उठा भीषण चक्रवाती तूफान ‘फैलिन’ शनिवार शाम ओड़िशा और आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में पहुंच जायेगा. भारत मौसम विज्ञान विभाग ने कहा है कि फैलिन 15 किमी प्रति घंटे की रफ्तार के साथ पश्चिम-उत्तर के तटीय इलाकों की ओर बढ़ रहा है. यह तूफान 240 किमी प्रति घंटे की गति से तटीय इलाकों से टकरा सकता है.
फैलिन से बचाव के लिए 50 टीमें तैनात:एनडीएमए
ओड़िशा और आंध्र प्रदेश के अलावा इसका असर झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश में पड़ेगा. इन इलाकों में तेज हवाएं और भारी बारिश की आशंका है. फैलिन को देखते हुए झारखंड में अलर्ट जारी कर दिया गया है. झारखंड सरकार ने 13 और 14 अक्तूबर को लोगों से घरों में ही रहने की अपील की है. आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से जारी चेतावनी में कहा गया है कि इन दोनों दिन लोग यथा संभव अपने घरों में ही रहें.
सरकार ने राज्यों से कहा कि राजमार्गों को चक्रवात से बचाएं
तीन-चार दिनों तक बारिश संभव : मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, ओड़िशा के तटीय क्षेत्र में दस्तक देने के बाद तूफान 24 घंटे के अंदर झारखंड में प्रवेश कर सकता है. दिल्ली स्थित मौसम विज्ञान विभाग केंद्र के वरीय अधिकारी डॉ अशोक बाखला के अनुसार, झारखंड के अलावा बिहार व पूर्वी यूपी में 12 अक्तूबर की शाम से इसका असर दिख सकता है. इसका प्रभाव 15 अक्तूबर तक रह सकता है. तूफान बंगाल में आते-आते डीप डिप्रेशन में बदल जायेगा. इससे तीन-चार दिनों तक लगातार बारिश होने की उम्मीद है.
सवा पांच लाख को सुरक्षित निकाला गया : गृह सचिव
कड़ी नजर रखने का निर्देश
शुक्रवार देर शाम राज्य के मुख्य सचिव आरएस शर्मा ने गृह विभाग के प्रधान सचिव, आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव और सभी प्रमंडलों के आयुक्तों व उपायुक्तों को सतर्क रहने का निर्देश दिया है. आपदा प्रबंधन के प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह ने सभी आयुक्तों व उपायुक्तों को कहा है कि वे पूजा पंडालों और बिजली के तारों पर कड़ी नजर रखें. झारखंड में हवा की रफ्तार 60 से 70 किमी प्रति घंटा हो सकती है. वह 12 अक्तूबर को सभी प्रमंडलों के आयुक्तों व सभी जिलों के उपायुक्तों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग करेंगे.
अगर कमजोर हुआ, तो टल सकता है खतरा
अगर हवा की गति अचानक कम हो गयी, तो झारखंड में फैलिन का आंशिक असर रह सकता है. ओड़िशा में प्रवेश करने के बाद अगर फैलिन की दिशा बदल गयी, तो झारखंड में इसका असर काफी कम हो सकता है. इस स्थिति में यह दूसरे राज्यों की ओर जा सकता है. जैसे-जैसे हवा की गति कमजोर पड़ेगी, बारिश होगी.
रांची, खूंटी, सिमडेगा, लातेहार, लोहरदगा, पलामू पूर्वी व पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला
सावधानी बरतें
*अत्यंत जरूरी होने के बाद ही घरों से निकलें
*घर से निकलते समय बारिश से बचने की व्यवस्था कर लें
*तेज हवाएं परेशान कर सकती हैं. पेड़, बिजली के खंभे, तार पुरानी व जजर्र इमारतों और पूजा पंडाल के पास खड़ा न रहें
*तेज हवाओं के कारण बिजली व्यवस्था पर असर पड़ सकता है. पूर्व में ही इंतजाम कर लें
रांची में क्या रह सकती है स्थिति
12 अक्तूबर : दिन में 30-35 और रात में 40 -45 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल सकती है. आकाश में बादल छाये रहेंगे. 11-15 मिमी तक बारिश संभव
13 अक्तूबर : 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से हवा चल सकती है. 31-40 मिमी तक बारिश की संभावना
14 अक्तूबर : पूरे राज्य में फैलिन का असर. 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल सकती है. 10 से 15 मिमी तक बारिश संभव
15 अक्तूबर : फैलिन का असर झारखंड के उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ जाने की उम्मीद. दिन में 15 और रात में पांच से 10 किमी की रफ्तार से हवा चल सकती है. 5-10 मिमी बारिश की भी संभावना