रांची: सांसद सुबोधकांत सहाय ने कहा है कि पिछले 13 सालों से राज्य में आदिवासी मुख्यमंत्री रहे, पर उन्होंने आदिवासियों के हित में काम नहीं किया. राज्य का विकास नहीं हुआ. आदिवासियों की स्थिति नहीं सुधरी.
इसके लिए नेतृत्व ही जिम्मेदार है. श्री सहाय मंगलवार को गोस्सनर कॉलेज में होड़ोपैथी पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे. उन्होंने कहा : किसी ने होड़ोपैथी जैसी पारंपरिक आदिवासी चिकित्सा पद्धति पर ध्यान नहीं दिया. श्री सहाय ने कहा : राज्य को अगर सही नेतृत्व मिला रहता, तो इस चिकित्सा पद्धति को सही पहचान मिल पाती.
कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र सिंह ने भी हिस्सा लिया. भड़के बंधु, कहा : अपनी गिरेबां में झांके सुबोध सुबोधकांत सहाय के बयान पर विधायक बंधु तिर्की ने आपत्ति जतायी है. उन्होंने कहा : आदिवासी नेतृत्व पर सवाल उठाने से पहले अपने गिरेबां में झांके. पर्यटन मंत्री रहते हुए सुबोधकांत को आदिवासियों की कितनी चिंता रही है, यह सबने देखा है. कैबिनेट में मुख्यमंत्री के साथ गैर आदिवासी भी रहे हैं. किसने कितने काम किये यह पता है. मैंने शिक्षा मंत्री रहते आदिवासी मूलवासी और अकिलियत के लिए क्या किया यह पता लगा लें. किसी समुदाय को टारगेट नहीं करना चाहिए.