रांची: गैस सिलिंडर को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर से जोड़े जाने के कारण उपभोक्ताओ की जेब पर 32.5 रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है. ये पैसे सीधे राज्य सरकार की जेब में जा रहे हैं. अभी ग्राहकों को 437.5 रुपये में गैस भरा सिलिंडर मिलता है.
अब जिन्होंने आधार कार्ड से अपना खाता लिंक कर दिया है, उन्हें पहले 1099 रुपये चुकाने होंगे. इसके बाद उनके खाते में 629 रुपये वापस मिलेंगे. उन्हें सिलिंडर के लिए लगेंगे 470 रुपये यानी 32.5 रुपये ज्यादा. इसमें से 30-31 रुपये की राशि वैट की है, जो राज्य सरकार के खाते में जमा होगी. राज्य में गैस सिलिंडर पर वैट की राशि पांच प्रतिशत है.
अप्रैल तक पूरे राज्य में आधार से सिलिंडर : अभी राज्य के पांच जिलों में आधार के माध्यम से सब्सिडी का भुगतान शुरू किया गया है. अप्रैल 2014 से पूरे राज्य के ग्राहक इसमें शामिल कर लिये जायेंगे. राज्य में लगभग 13 लाख एलपीजी गैस उपभोक्ता हैं. सब्सिडी वाले सिलिंडरों की संख्या नौ करने से ग्राहक पहले से ही परेशान हैं. अब वैट के कारण उनकी जेब पर और बोझ बढ़ गया है.
राज्य सरकार को 35 करोड़ का लाभ
अभी हर दिन सभी तेल कंपनियों द्वारा लगभग 39 हजार सिलिंडर की आपूर्ति पूरे राज्य में की जा रही है. पूरे साल इनकी संख्या 1.17 करोड़ रुपये होती है. 30 रुपये के हिसाब से भी सरकार की अतिरिक्त कमाई जोड़ी जाये, तो यह राशि 35.10 करोड़ रुपये होगी. यह पूरी राशि आम लोगों की जेब से जायेगी. पांच प्रतिशत के अनुसार अभी ग्राहकों को हर माह प्रति सिलिंडर लगभग 55 रुपये वैट के रूप में चुकाने पड़ रहे हैं. सरकार वैट की दर में दो प्रतिशत की भी कमी कर देती है, तो भी सरकार को पहले की तुलना में ज्यादा राजस्व मिलेगा.