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छात्राओं को नहीं मिली किताबें

रांची: शैक्षणिक सत्र 2013-14 के छह माह गुजर गये, पर छात्राओं को अब तक पोशाक व किताबें नहीं मिली हैं. राज्य सरकार ने वर्ष 2012 में कक्षा नौ से 12वीं तक की छात्राओं को नि:शुल्क किताब, पोशाक व सोलर लाइट देने की योजना बनायी थी. योजना के तहत छात्राओं को गत वर्ष से ही नि:शुल्क […]

रांची: शैक्षणिक सत्र 2013-14 के छह माह गुजर गये, पर छात्राओं को अब तक पोशाक व किताबें नहीं मिली हैं. राज्य सरकार ने वर्ष 2012 में कक्षा नौ से 12वीं तक की छात्राओं को नि:शुल्क किताब, पोशाक व सोलर लाइट देने की योजना बनायी थी. योजना के तहत छात्राओं को गत वर्ष से ही नि:शुल्क किताब, पोशाक व सोलर लाइट देना था. वर्ष 2012 में इस योजना का लाभ छात्राओं को नहीं मिला. इस वर्ष भी अब तक छात्राओं को किताब व पोशाक का इंतजार है.

वित्तीय वर्ष 2012-13 के बजट में इसके लिए 20 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था. इसमें से पांच करोड़ रुपये स्वीकृत किये गये थे. वित्तीय वर्ष 2013-14 में भी राशि का प्रावधान किया गया है. इस वर्ष भी माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने राज्य के सभी जिलों के शिक्षा पदाधिकारी से कक्षा नौ से 12 तक की छात्राओं के नाम मांगे थे.

बिटिया वर्ष में हुई घोषणा
छात्राओं को नि:शुल्क किताब, पोशाक व सोलर लाइट देने की योजना बिटिया वर्ष के तहत तैयार की गयी थी. झारखंड सरकार द्वारा वर्ष 2012 को बिटिया वर्ष घोषित किया गया था. छात्राओं के लिए कई योजनाओं की शुरुआत की गयी थी. बिटिया वर्ष बीत गया पर छात्राओं को योजना का लाभ नहीं मिला.

ढाई लाख छात्राओं को मिलता लाभ
कक्षा नौ से 12 वीं तक की लगभग ढाई लाख छात्राओं को इस योजना का लाभ मिलता. वर्ष 2013 में मैट्रिक में 1,60,695 छात्रएं पास हुई थी. जबकि इंटर में विज्ञान में 7,576, वाणिज्य में 11,334 व कला में 62,633 छात्रएं सफल हुई थी.

क्या था उद्देश्य
राज्य में बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए इस योजना की शुरुआत की गयी थी. राज्य के ग्रामीण क्षेत्र में बिजली आपूर्ति की स्थिति ठीक नहीं है. सोलर लैंप मिलने से छात्राओं को रात में पढ़ाई में सुविधा होती.

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