रांची: झारखंड के पांच जिलों में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर ऑफ एलपीजी सब्सिडी (डीबीटीएल) की शुरुआत एक अक्तूबर से की गयी. रांची, लोहरदगा, खूंटी, हजारीबाग व रामगढ़ के एलपीजी सिलिंडर ग्राहकों के बैंक खाते में राशि आयेगी. यह जानकारी देते हुए इंडियन ऑयल (एलपीजी) के डीजीएम डीके साह व स्टेट लेबल को-ऑर्डिनेटर आरके शाहाब ने बताया कि आज बुकिंग के साथ ही ग्राहकों के बैंक खाते में 435 रुपये जमा हो गये. यह राशि ग्राहकों को सिर्फ पहली बुकिंग पर ही मिलेगी. सिलिंडर की डिलिवरी मिलने पर ग्राहकों को 1099 रुपये चुकाने होंगे. इसके दो दिन के भीतर ग्राहक के बैंक खाते में 629.25 रुपये जमा हो जायेंगे. यह राशि ग्राहकों को हर डिलिवरी के बाद मिलेगी.
अक्तूबर माह के लिए सब्सिडी की राशि 629.25 रुपये तय की गयी है. वहीं जिन ग्राहकों ने अभी इसमें खाता अटैच नहीं किया है, उन्हें पुराने सिस्टम के अनुसार ही 437.50 रुपये चुका कर सिलिंडर मिलेगा. यह सुविधा तीन माह तक ही रहेगी. एक जनवरी के बाद सभी को डीबीटीएल द्वारा ही सब्सिडी राशि मिलेगी. जो डीबीटीएल में इनरोल नहीं होंगे, उन्हें बाजार दर पर सिलिंडर खरीदना होगा. दूसरे चरण में एक नवंबर से बोकारो, सरायकेला-खरसावां, गुमला, गढ़वा, दुमका, धनबाद व पलामू में इसे लागू किया जायेगा. संवाददाता सम्मेलन में कंपनी के मुख्य प्रबंधक एसपी रमन, प्रबंधक जेएन सिंह, शुभम काले समेत अन्य लोग उपस्थित थे.
पांच जिलों में 27,481 ग्राहकों को ही मिलेगा लाभ
पहले चरण में राज्य के पांच जिलों में मात्र 27481 ग्राहक ही ऐसे हैं, जिन्होंने डीबीटीएल के तहत अपना खाता अटैच कराया है. इन पांच जिलों में इंडेन के कुल 3,65,117 ग्राहक हैं. इनमें से 80,347 ग्राहकों ने इंडेन डीलर के यहां तो आधार जमा कराया है, लेकिन बैंक में आधार नंबर उपलब्ध नहीं कराया है.
32.25 रुपये अधिक चुकाने होंगे ग्राहकों को
डीबीटीएल योजना के तहत गैस लेनेवाले ग्राहकों को 32.25 रुपये अतिरिक्त चुकाने होंगे. पहली बार गैस की डिलिवरी होने पर ग्राहकों को कुल 1064 रुपये मिलेंगे, जबकि उन्हें चुकाने होंगे कुल 1099 रुपये. दूसरी बार गैस लेने पर चुकाने होंगे 1099 रुपये और खाते में 629.25 रुपये मिलेंगे. यानी एक सिलिंडर की कीमत पड़ेगी 469.75 रुपये. यानी वर्तमान मूल्य 437.50 से 32.25 रुपये अधिक देने होंगे. कंपनी के अधिकारियों के अनुसार, वैट के कारण यह राशि बढ़ गयी है. अब यदि राज्य सरकार वैट में रियायत दे, तो लोगों को राहत मिल सकती है.