रांची: डॉ हरिनारयण चतुव्रेदी कभी वेटनरी डॉक्टर हुआ करते थे. वर्ष 1966 में उन्होंने सेंट्रल एकेडमी की स्थापना की. साथ ही वर्ल्ड बुद्धा फाउंडेशन का गठन किया. 1995 में उन्होंने हाई क्यू इंटरनेशनल स्कूल खोला. वर्ष 1966 में वह कांके रोड में गोंदा इलाके में रहते थे. वहां उनके बारे में आज भी तरह-तरह की चर्चा होती है.
वर्ल्ड बुद्धा फाउंडेशन रांची, रामगढ़ और देहरादून में पांच स्कूलों को संचालित करती है. इस संस्था का मुख्यालय रांची में ही है. बरियातू रोड में 10 एकड़ भूखंड पर दो स्कूल और संस्था का मुख्यालय है. यह भूखंड कोलकाता के राजा संतोष रॉय चौधरी की थी. इस संस्था का चुटूपालू में भी सात एकड़ भूखंड पर संगमित्र बीएड कॉलेज व सिद्धार्थ बोर्डिग स्कूल है, जिसे 1982 में खोला गया.
1986 में जेल गये थे
वर्ष 1982 में डॉ चतुव्रेदी ने बरियातू रोड में संगमित्र कॉलेज खोला था. रांची वीमेंस कॉलेज की पहली प्राचार्या भानुमति प्रसाद इस कॉलेज की प्रथम प्राचार्या थीं. बाद में उन्होंने कॉलेज छोड़ दिया. वर्ष 1986 में कॉलेज बंद हो गया. वित्तीय अनियमितता के मामले में डॉ चतुव्रेदी जेल भी गये.
कर्नाटक में भी जेल गये
वर्ष 2000 से पहले डॉ चतुव्रेदी ने दिल्ली में ग्लोबल फ्रेंडशिप नामक कंपनी खोली. यह कंपनी स्कूली बच्चों को विदेश भ्रमण कराने का काम करती थी. कंपनी ने कई स्कूलों से पैसे जुटाये और वित्तीय गड़बड़ियां की. कर्नाटक के गुलरबरगा की पुलिस ने डॉ चतुव्रेदी को गिरफ्तार कर जेल भेजा था. जमानत पर छूटने के साथ ही मुंबई पुलिस ने भी उन्हें हिरासत में लिया था. समझौता के बाद वह थाने से छूटे थे.
सात लोग हैं वर्ल्ड बुद्धा फाउंडेशन के ट्रस्टी
हरिनारायण चतुव्रेदी (चेयरमैन)
राजेंद्र प्रसाद सिंह (पटना हाइकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता)
भरत भूषण (दिल्ली निवासी)
डी साई बाबू (कोषाध्यक्ष)
डॉ धम्म प्रिया (अगरतल्ला निवासी)
एचडी सिंह (प्राचार्य, सेंट्रल एकेडमी)
सीमा होगड़े (प्राचार्य, सिद्धार्थ स्कूल)