।।सुरजीत सिंह।।
14 साल की विदिशा का शव 13 सितंबर को हाई क्यू इंटरनेशनल स्कूल, बरियातू रोड के हॉस्टल के कमरे में पंखे से लटकता हुआ मिला. वह 10 वीं कक्षा की छात्रा थी. उसकी हत्या हुई? उसने आत्महत्या की? आत्महत्या की, तो इसके लिए क्यों मजबूर हुई? बीमार थी, तो सही इलाज क्यों नहीं कराया गया? ये सवाल उभर रहे हैं. प्रभात खबर की पड़ताल में ऐसे तथ्य सामने आये हैं, जो शिक्षा के इस मंदिर में अनैतिक कार्य होने की ओर इशारा कर रहे हैं. यह संदेह भी पैदा हो रहा है कि कहीं वर्ल्ड बुद्धा फाउंडेशन के चेयरमैन डॉ हरिनारायण चतुर्वेदी उर्फ हरीश सांकृत्यायन की गतिविधियों की वजह से विदिशा को आत्महत्या के लिए मजबूर तो नहीं होना पड़ा.
रांचीः छात्र विदिशा राय हाई क्यू इंटरनेशनल स्कूल को संचालित करनेवाली संस्था वर्ल्ड बुद्धा फाउंडेशन के चेयरमैन डॉ हरिनारायण चतुर्वेदी उर्फ हरीश सांकृत्यायन (86) के करीब थी. डॉ चतुर्वेदी उसे अकेले में बुलाते थे. अपने साथ खिलाते थे. बीमार पड़ने पर अपने कमरे में ही सुलाते थे. विदिश क्लास में टॉप करती थी. टीचर और क्लासमेट उसे प्रतिभाशाली मानते थे. वे कहते हैं, विदिशा किसी परेशानी में थी, उसने कभी बताया नहीं. डॉ चतुर्वेदी के बारे में बहुत सारी आपत्तिजनक और अव्यावहारिक बातों का पता चला है. विदिशा के माता-पिता के बयानों से इन बातों को बल मिलता है, जिसमें उन्होंने अपनी बेटी की मौत के लिए डॉ हरिनारायण चतुर्वेदी को जिम्मेदार बताया है.
छात्राओं को गले लगाते थे डॉ चतुर्वेदी : बरियातू रोड स्थित हाई क्यू इंटरनेशनल स्कूल में बड़ी होती छात्राओं के साथ डॉ हरिनारायण चतुर्वेदी अनैतिक काम करते थे
स्कूल में उच्च पद पर काम कर चुकी एक महिला के मुताबिक, छात्रओं के प्रति चेयरमैन डॉ हरिनारायण चतुर्वेदी का व्यवहार सिर्फ गुरु-शिष्य तक ही सीमित नहीं रहता था. वह छात्रओं को किस करते थे, उन्हें गले लगाते थे. मां-बाप से दूर हॉस्टल में रह रही लड़कियां विरोध नहीं कर पाती थी. लेकिन उन्होंने कई बार यह महसूस किया कि गलत हो रहा है. कई बार इस बात पर आपत्ति भी जतायी. लड़कियों को उनके पास जाने से मना किया था. इससे परेशानी भी ङोलनी पड़ी. वह बताती हैं, डॉ चतुर्वेदी कई बार महिला शिक्षकों को भी देर रात तक स्कूल में ही रोकने की कोशिश करते थे. इस महिला के मुताबिक, डॉ चतुव्रेदी पॉलिस्ड इनसान हैं. उन्हें भी रात में कई बार मीटिंग के नाम पर रोकने की कोशिश की. लेकिन वह नहीं रुकी. स्कूल में काम करनेवाली एक दाई से भी उनके ताल्लुकात आपत्तिजनक थे.
बीमार थी विदिशा, इलाज नहीं : विदिशा के बारे में पता चला है कि वह साइक्लॉजिकल स्ट्रेस नामक बीमारी से पीड़ित थी. जब सांस लेने में परेशानी होती थी, तब उसे रानी चिल्ड्रेन अस्पताल में भरती कराया जाता था. रात में भरती कराने के बाद सुबह रिलीज करा लिया जाता था. स्कूल प्रबंधन को चिकित्सकों ने कई बार बताया कि विदिशा का किसी मनोचिकित्सक से इलाज करायें, लेकिन ऐसा नहीं किया गया. अंतिम बार विदिशा को चार सितंबर को अस्पताल में भरती कराया गया था. सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि हाई क्यू इंटरनेशनल की कई दूसरी छात्राओं को भी अस्पताल में भरती कराया जाता है.
ट्रस्टी में शामिल करना चाहते थे लड़की को : पता चला है कि डॉ चतुव्रेदी कुछ साल पहले हिमाचल की एक पहाड़ी लड़की की तरफ आकर्षित थे. उसे हमेशा अपने पास बुलाते थे. किस करते, गले लगाते. यहां तक की उस लड़की को वह वर्ल्ड बुद्धा फाउंडेशन की ट्रस्टी में शामिल करना चाहते थे. स्कूल में काम कर रहे सभी लोग डॉ चतुव्रेदी के इस काम से सदमे में थे. डॉ चतुर्वेदी लड़की के गाजिर्यन को कहते थे : ये मेरी बेटी है. इसे ट्रस्टी में डालूंगा. इसे पढ़ाऊंगा-लिखाऊंगा. गाजिर्यन समझते थे कि बुजुर्ग इनसान हैं, ऐसे ही बोलते रहते हैं.
चतुर्वेदी को खोज रही है पुलिस
एसएसपी साकेत कुमार सिंह के मुताबिक पुलिस की अब तक की जांच में सिर्फ यही पता चल सका है कि विदिशा की मौत फांसी लगने से हुई. पोस्टमार्टम रिपोर्ट दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई है. आत्महत्या के कारणों का पता नहीं चल पाया है. इसे पता करने के लिए पुलिस अभी डॉ हरिनारायण चतुर्वेदी को खोज रही है.
कब क्या हुआ
13 सितंबर : हॉस्टल के कमरा नंबर 15 में छत के हुक के सहारे लटकता मिला विदिशा का शव. डॉ हरिनारायण चतुव्रेदी समेत दो पर हत्या का मामला बरियातू थाने में दर्ज.
14 सितंबर : स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई को लेकर सड़क जाम
15 सितंबर : पुलिस को पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिली, फांसी से मौत की पुष्टि
21 सितंबर : पुलिस को पता चला डॉ हरिनारायण चतुव्रेदी गायब हो गये हैं