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कपड़े, कंबल, किताब बांट दें

रांची: दुनिया का सबसे बड़ा सुख है देने का सुख, बांटने का सुख. इसका अपना अलग ही आनंद है. हमें ईश्वर को धन्यवाद करना चाहिए, जिन्होंने हमें मनुष्य बना कर धरती पर भेजा है. हम मनुष्य हैं तो हमारा दायित्व भी अन्य जीव-जंतुओं से ज्यादा है. इसे निभाना हम सभी का फर्ज है. समाज में […]

रांची: दुनिया का सबसे बड़ा सुख है देने का सुख, बांटने का सुख. इसका अपना अलग ही आनंद है. हमें ईश्वर को धन्यवाद करना चाहिए, जिन्होंने हमें मनुष्य बना कर धरती पर भेजा है. हम मनुष्य हैं तो हमारा दायित्व भी अन्य जीव-जंतुओं से ज्यादा है. इसे निभाना हम सभी का फर्ज है.

समाज में बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं, जिन्हें ईश्वर ने बहुत कुछ दिया है. पर, ऐसे लोगों की भी कमी नहीं है जो अभाव में हैं. साधन के अभाव में वे दो समय खाना भी नहीं खा पाते, उनके पास पहनने के लिए कपड़े नहीं हैं, ठंड से बचने के लिए गरम कपड़े, कंबल नहीं है. बच्चे तो बच्चे होते हैं, चाहे वे संपन्न परिवार में जनमें हों या फिर गरीब परिवार में. फर्क इतना है कि संपन्न परिवार के बच्चों के शौक पूरे हो जाते हैं, उनके पास अच्छे कपड़े होते हैं, रहने को घर होता है, खाने के लिए अनेक चीजें होती हैं, पढ़ने-सीखने के लिए किताब-कंप्यूटर-टैबलेट होते हैं. पर गरीब बच्चे इन सब के लिए, एक-एक बिस्कुट के लिए तरसते हैं.

उन बच्चों का दोष क्या है? सिर्फ इतना कि वे गरीब परिवार में पैदा हुए हैं. ऐसे बच्चों के शौक को पूरा करने का सामाजिक दायित्व हम सभी का है. लगभग हर घर में ऐसे कपड़े हैं जिनका वे उपयोग नहीं करते. फेंक देते हैं या गाड़ी पोंछने के काम में लगा देते हैं. हर साल ऊनी कपड़े (स्वेटर, जैकेट, साल) बदल देते हैं. उन्हें फेंकिए मत. आपके बच्चे पास कर जाते हैं तो आप उनकी पुरानी किताब को किलो के भाव से कबाड़ी को बेच देते हैं. आपके बच्चे बड़े हो गये हों या नये खिलौने आने के बाद पुराने खिलौने को पसंद नहीं करते, उन्हें फेंकिए मत. बेचिए मत.

पुराने ऊनी कपड़े, 14 साल तक के बच्चों के कपड़े, पुराने कंबल, सातवीं कक्षा तक की किताबें, पुराने खिलौने या मोबाइल को अपने घर से खोज निकालिए. आपके लिए ये बेकार हो सकते हैं, पर जिन्हें आप देंगे, उनके लिए बहुमूल्य होगा. उनके चेहरे पर जो खुशी आप देखेंगे, वह आपको सुकून देगा.

दो अक्तूबर से आठ अक्तूबर तक पूरे देश में ज्वाय ऑफ गिविंग वीक मनाया जायेगा. आप भी इसमें शामिल होइए. रांची में भी कई जगहों पर कार्यक्रम हो रहे हैं. इस दौरान रांची के जिमखाना क्लब (दीपाटोली) में 28 सितंबर को विश ट्री लगाया जायेगा. आप समय निकालें और जिन चीजों का आप उपयोग नहीं करते हैं, उन्हें रांची जिमखाना क्लब में (28 सितंबर से 30 सितंबर तक ) जमा कर दें. अ़ाप शाल, प्लास्टिक चेयर, सिलिंग फैन, कंप्यूटर टेबल,लोहे की कुरसी, वाटर प्यूरीफायर, तकिया, गद्दा, दरी, चादर, फुटमैट, जूता स्टैंड, हगीज पैकेट, सॉफ्ट गेंद और अन्य चीजें भी दे सकते हैं. जो क्लब के सदस्य हैं, वे तो आयेंगे ही, रांची के अन्य लोग भी इसमें सहयोग कर सकते हैं. विश ट्री में अनेक एनजीओ द्वारा दी गयी जरूरतों का कार्ड लगाया जायेगा. आप आगे आयें और जो भी आपके वश में हो, उस जरूरत को पूरा करें.

याद रखिए, दूसरों की मदद करेंगे, ईश्वर आपकी मदद करेगा. दूसरों के बच्चों के चेहरे पर आप खुशियां देंगे, ईश्वर आपके बच्चों को भी खुशियों से भर देगा. इसलिए समय निकालें, सामानों को जमा करें और जरूरतमंद लोगों की सहायता के लिए आगे आइए. यही आपका धर्म भी है.

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