– नितीन चौधरी –
देवघर : ऑटोमोबाइल के क्षेत्र में बीआइटी देवघर के थर्ड इयर के छात्रों की टीम अपने सपनों के कार (ऑल टेरेन विकिल्स) को आकार देने में लगे हैं. नवंबर 2012 में कार के मॉडल के डिजाइन को 24 इंजीनियरों की टीम ने तैयार किया.
जुलाई 2013 में कार के मॉडल का बैंगलूरू में एसएई सोसाइटी ऑफ ऑटोमोबाइल इंजीनियर्स के बाहा इंडिया प्रतियोगिता में चयन किया गया. इसमें झारखंड के तीन कॉलेज बीआइटी रांची, देवघर व एनआइटी जमशेदपुर का मॉडल चयनित हुआ. देश भर के कुल 326 कॉलेजों के टीम ने हिस्सा लिया.
जिसमें 125 कॉलेज का चयन किया गया. कार को स्वरूप देने में लगे बीआइटी छात्रों के टीम का नाम वीलॉज है. छात्र अपने सपनों के कार को तैयार करने में वेलडिंग से लेकर फिनिशिंग तक स्वयं करेंगे. प्रोजेक्ट को पूरा करने में छह लाख रुपये खर्च होगा. फाइनल राउंड फरवरी 2014 में होनेवाले प्रतियोगिता में कार को पेश किया जायेगा.
चालक की सेफ्टी के लिए सेंसर लगाया गया :
सपनों की कार ऑल टेरेन विकिल्स में ड्राइवर की सेफ्टी के लिए सेंसर लगाया गया है. गाड़ी चलाते समय आसपास किसी वस्तु या गाड़ी के बारे में चालक को इंडिकेट करेगा, जिससे एक्सीडेंट से बचा जा सकता है. वहीं अक्सर इंजन हीट होने पर कार में आग लग जाती है.
इसे रोकने के लिए थर्मल सेंसर लगाया गया है, इंजन के ओवर हीट होने पर चालक को इंडिकेट कर सूचित करेगा. इसके अलावे स्टियरिंग व सीट को चालक अपने अनुसार एडजस्ट कर सकते है. वहीं खराब रास्तों पर आसानी से कार चलाया जा सकता है.