22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

झारखंड में अपनी भूमि लीज का नवीकरण करे कोल इंडिया: सोरेन

रांची: झारखंड सरकार ने आज कहा कि कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) को राज्य में अधिग्रहीत जमीन की लीज का नवीकरण करना चाहिए. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने यहां संवाददाताओं को बताया, कोल इंडिया ने अपने राष्ट्रीयकरण के बाद जमीन का अधिग्रहण किया था. लीज 2002 में समाप्त हो गई . लेकिन खनन का काम बिना नवीकरण […]

रांची: झारखंड सरकार ने आज कहा कि कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) को राज्य में अधिग्रहीत जमीन की लीज का नवीकरण करना चाहिए. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने यहां संवाददाताओं को बताया, कोल इंडिया ने अपने राष्ट्रीयकरण के बाद जमीन का अधिग्रहण किया था. लीज 2002 में समाप्त हो गई . लेकिन खनन का काम बिना नवीकरण के भी जारी है. सोरेन ने दावा किया कि राज्य को खनन संसाधनों पर अपना बुनियादी अधिकार भी नहीं मिल रहा है. सोरेन ने कहा कि उन्होंने कोल इंडिया से कहा है कि वह :2002 से अब तक 10-11 साल की लीज के लिए भुगतान की जाने वाली राशि: 3000-4000 करोड़ रुपये के बकाया पर विचार करे. कंपनी को यह राशि झारखंड सरकार को चुकानी है. बिना नवीकरण के मौजूदा खनन को अवैध करार देते हुए सोरेन ने कहा कि झारखंड जैसे छोटे राज्य के लिए यह राशि बहुत बड़ी है और अगर इसमें ब्याज भी मिला दिया जाए तो यह 10000 करोड़ रुपये हो जाएगी.

भूमि अधिग्रहण विधेयक से झारखंड को फायदा

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज इस बात को सबके सामने स्वीकार किया कि उन्होंने केंद्र सरकार के भूमि अधिग्रहण विधेयक का पूरा अध्ययन किये बिना ही उसे राज्य के हितों के विपरीत बता दिया था, लेकिन अब केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश से विधेयक के बारे में विस्तार से जानने के बाद यह विश्वास हो गया है कि इससे राज्य को लाभ होगा.

मुख्यमंत्री ने आज यहां केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश और कोल इंडिया, एनटीपीसी एवं भारतीय इस्पात प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारियों से बैठक के बाद पत्रकार वार्ता में स्वीकार किया कि उन्होंने हाल में संसद से पारित भूमि अधिग्रहण विधेयक को विस्तार से पढ़े बिना ही उसके कुछ प्रावधानों के आधार पर उसे झारखंड की जनता के हितों के विरुद्ध करार दिया था. हेमंत सोरेन ने कहा, ‘‘जयराम रमेश से इस विधेयक के विभिन्न प्रावधानों पर विस्तार से चर्चा के बाद यह बात स्पष्ट हो गयी है कि विधेयक का लाभ कानून बनने के बाद झारखंड के लोगों को भी होगा.’’

उन्होंने कहा कि झारखंड में लागू कोल बियरिंग एरिया एक्ट एवं भूमि अधिग्रहण के अन्य कानूनों के प्रावधानों को भी नये भूमि अधिग्रहण कानून के अनुसार यथाशीघ्र संशोधित किये जाने की आवश्यकता है. जयराम रमेश ने गुरुवार को पत्रकार वार्ता में कहा था कि राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भूमि अधिग्रहण कानून के बारे में जो टिप्पणी की थी वह इसके सभी प्रावधानों को गौर से पढ़े बगैर ही की होगी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें