रांची: समर्थन दे रहे घटक दलों और निर्दलीय विधायकों की बात सरकार सुनेगी. इनकी अनुशंसा पर कार्रवाई करेगी. घटक दलों के ऐसे विधायक जो मंत्री नहीं बने हैं, उनकी बातों पर सरकार अमल करेगी. गुरुवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सरकार के सहयोगी दलों के साथ बैठक की.
समन्वय समिति पर सवाल उठाया : सरकार द्वारा बुलायी गयी पहली बैठक में समन्वय का अभाव दिखा. मुख्यमंत्री ने शाम 6.30 बजे से बैठक बुलायी थी. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत रात 8.45 बजे प्रोजेक्ट भवन पहुंचे. बैठक में बंधु तिर्की व हरिनारायण राय शामिल नहीं हुए.
देर रात चली बैठक में निर्दलीय विधायकों का गुब्बार फूटा. उनका कहना था कि ऐसे विधायकों की भी सुनी जाये, जो मंत्री नहीं हैं. विधायकों से राय-विचार किया जाना चाहिए. बैठक में सरकार के समन्वय और साझा कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति को लेकर चर्चा हुई. सहयोगी दलों के नेताओं ने समन्वय समिति और साझा कार्यक्रम क्रियान्वयन के लिए बनी कमेटी पर सवाल उठाया. छोटे दलों के विधायकों ने भी कमेटी में प्रतिनिधित्व पर सवाल उठाया. बैठक में बोर्ड-निगम को लेकर भी बात हुई. सहयोगी निर्दलीय विधायकों का कहना था कि सरकार बोर्ड-निगम का भी बंटवारा कर ले.
दूर होगा गैप : सुखदेव
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत ने कहा कि सहयोगी दलों के बीच समन्वय स्थापित हुआ है. अब लगातार बैठक होगी. इससे गैप भी खत्म होगा. राजद के प्रदेश अध्यक्ष गिरिनाथ सिंह ने कहा कि कैबिनेट की बैठक से पहले समन्वय समिति की बैठक होगी. हर 15 दिन में बैठक होगी.
अफसरशाही हावी : एनोस
बैठक से निकलने के बाद निर्दलीय विधायक एनोस एक्का ने कहा कि सरकार ट्रॉयल पर चल रही है. राज्य में अब भी अफसरशाही हावी है. काम में तेजी लाने की जरूरत है. मैंने सरकार को समर्थन के समय अपनी मांग सौंपी थी. सरकार जल्द से जल्द पंचायतों को अधिकार दे.
अब अकेले ही देखेंगे : चमरा
बैठक में शामिल होने आये चमरा लिंडा ने कहा कि अब अकेले ही देखेंगे. यह पूछे जाने पर कि बंधु तिर्की नहीं पहुंचे हैं, श्री लिंडा ने कहा कि अकेले चलना है. वह बैठक में हाजिरी लगाने आये हैं.
केवल आइवास है : बंधु
विधायक बंधु तिर्की ने कहा है कि मुख्यमंत्री राज्य की समस्या को लेकर गंभीर नहीं हैं. केवल आइवास के लिए बैठक बुलायी गयी है. ऐसी बैठक में जाने से कोई फायदा नहीं है. बैठक को लेकर कोई तैयारी नहीं की गयी. एजेंडा भी तय नहीं था. अखबारों के माध्यम से जानकारी मिली है कि सरकार ने बैठक बुलायी है. समन्वय और साझा कार्यक्रम के लिए पूरी कमेटी भी नहीं बनी है. सरकार के सहयोगी दलों के बीच इस पर बात होनी चाहिए. राज्य में कई ज्वलंत समस्याएं हैं. इसके लिए सरकार के पास कोई योजना नहीं है. स्थानीयता का मुद्दा है, जेपीएससी में आरक्षण का सवाल है. ऐसी चीजों पर चर्चा होनी चाहिए. कांग्रेस को यहां के लोगों का ख्याल नहीं है.