रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि अनाथ बच्चों को भी बेहतर जीवन जीने का अवसर मिलना चाहिए. गुरुवार को राजकीय नेत्रहीन विद्यालय हरमू परिसर में आंचल शिशु आश्रम के नये भवन का उद्घाटन करते हुए उन्होंने यह बात कही. उन्होंने कहा कि अनाथ व बेसहारा बच्चों का कल्याण सरकार का दायित्व है. आंचल शिशु आश्रम की स्थिति खराब थी, अब बच्चों को नया भवन मिला है. यहां इनका अच्छा पालन पोषण हो सकेगा. इन बच्चों को शिक्षा मिलेगी, तो उनका भविष्य भी सुधरेगा.
मौके पर मुख्यमंत्री ने अनाथाश्रम के नये भवन, बच्चों व कर्मचारियों के कमरे, किचन सहित अन्य सुविधाओं का जायजा लिया. बच्चों को मिठाइयां खिलायी. आश्रम के संचालक व बाल कल्याण समिति के महेश वाधवानी ने मुख्यमंत्री को आश्रम के कार्यकलापों की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि अभी आश्रम में 28 बच्चे रहते हैं. मौके पर राजकीय नेत्रहीन मध्य विद्यालय के बच्चों ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया.
मुख्यमंत्री ने राजकीय नेत्रहीन विद्यालय और मूक बधिर विद्यालय के बारे में भी जानकारी ली. इस अवसर पर उपायुक्त विनय चौबे, हटिया डीएसपी अनुरंजन, समाज कल्याण पदाधिकारी लाल सिंह कुरील, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी मुकुल लकड़ा सहित अन्य उपस्थित थे.
सर हमारी भी बात सुनिये
कार्यक्रम के समाप्त होने पर मूक बधिर स्कूल का रसोइया प्रकाश तिग्गा ने मुख्यमंत्री से कहा कि सर हमारी भी बात सुनिये. हम ढाई साल से यहां दैनिक वेतनभोगी के रूप में काम कर रहे हैं. महीने में 30 दिन काम करते हैं पर सिर्फ 26 दिन का वेतन मिलता है. हालांकि मुख्यमंत्री ने उसकी बात अनसुनी कर दी. वे अपने काफिले के साथ आगे बढ़ गये.