रांचीः सांसद सुबोध कांत सहाय ने कहा कि बीडीओ-सीओ अपने दायित्व का निर्वहन नहीं कर रहे हैं. सरकार ने ग्रामीण क्षेत्र के सभी वर्गो के विकास के लिए योजनाएं बनायी है, लेकिन इनको सही तरीके से लागू नहीं किया जा रहा है. बीडीओ यदि सामाजिक दायित्व समझ कर अपनी जिम्मेवारी का निर्वहन करें, तो लाखों गरीबों का भला होगा.
श्री सहाय 11 सितंबर को रांची स्थित विकास भवन में जिला परिषद द्वारा इस वर्ष मई-जून में ब्लॉक स्तर पर हुए जनता दरबार में ग्रामीणों के आवेदनों की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे. बैठक में जिला परिषद अध्यक्ष सुंदरी तिर्की, डीडीसी संत कुमार वर्मा व सभी ब्लॉक के बीडीओ उपस्थित थे.
श्री सहाय ने कहा कि ब्लॉक ऑफिस का चक्कर लगाते-लगाते ग्रामीण हताश हो जा रहे हैं. ग्रामीणों की शिकायत है कि उनका काम नहीं हो रहा है. जनता दरबार में गुहार लगाते हैं, इसके बावजूद उनका कार्य नहीं हो रहा है. सांसद ने पूछा कि बीडीओ बतायें कि आखिर जनता कहां जायेगी. उन्होंने बीडीओ-सीओ की कार्य प्रणाली पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि ग्रामीणों के आवेदनों पर सिर्फ कार्रवाई की अनुशंसा करना ही अपनी जिम्मेवारी समझते हैं.
इससे जनता का भला होने वाला नहीं है. राज्य में कार्य संस्कृति में सुधार लाना आवश्यक है. श्री सहाय ने जनता दरबार में दिये आवेदनों पर अब तब की गई कार्रवाई की समीक्षा की. इस अवसर पर रांची जिला परिषद की अध्यक्ष सुंदरी तिर्की ने कहा कि योजनाओं की सफलता बहुत हद तक ब्लॉक ऑफिस पर निर्भर है. जनता दरबार में प्राप्त आवेदनों से लगता है कि ब्लॉक के अधिकारी ग्रामीणों के प्रति गंभीर नहीं हैं.
दो माह बाद भी आवेदनों का निष्पादन नहीं होता. इसकी गति काफी धीमी है. उन्होंने कहा कि बीडीओ प्रगति की जानकारी भी नहीं लेते, फिर कार्य निष्पादन में कैसे तेजी आयेगी. डीडीसी संत कुमार वर्मा ने बीडीओ से कहा कि ग्रामीणों के हर आवेदन का निष्पादन अपनी जिम्मेवारी समझ कर करे, प्रखंड स्तर के आवेदनों का निपटारा त्वरित करें. जिला स्तर से होने वाले कार्यो की सूचना नियमित रूप से डीडीसी एवं जिला परिषद कार्यालय को दें.