रांचीः रांची में 53वीं नेशनल ओपन एथलेटिक्स चैंपियनशिप का समापन तो हो गया, लेकिन बुधवार को इसके लिए आयोजित समारोह ने झारखंड के लोगों का मान-सम्मान ताक पर रख दिया. चैंपियनशिप में देश भर के कई बड़े एथलीट और डेलिगेट्स आये थे. पर समापन समारोह में पुरस्कार वितरण के दौरान बिरसा मुंडा एथलेटिक्स स्टेडियम की बिजली चली गयी. टॉर्च और मोबाइल की रोशनी में समारोह संपन्न हुआ.
घटना शाम करीब 6.45 बजे की है. इस समय मंच पर मुख्य अतिथि राज्य की खेल मंत्री गीताश्री उरांव, खेल सचिव वंदना डाडेल, निदेशक अशोक कुमार, भारतीय एथलेटिक्स टीम के मुख्य कोच बहादुर सिंह समेत अन्य मौजूद थे. मंच के सामने देश भर से आयी 24 टीमों और छह संस्थानों के एक हजार से अधिक एथलीट उपस्थित थे. ओवर ऑल चैंपियन के अलावा चैंपियनशिप के बेस्ट एथलीटों (पुरुष व महिला) की घोषणा होनेवाली थी.
किसी तरह खत्म हुआ समारोह : देश के कोने-कोने से आये मेहमानों के सामने झारखंड की काफी फजीहत हुई. वहां मौजूद लोग बिजली का इंतजार करते रहे. इस दौरान पूरे स्टेडियम में अफरा-तफरी का माहौल रहा. बिजली गुल होने के कारण समारोह में मौजूद मंत्री, खिलाड़ी और अन्य बड़े लोगों की सुरक्षा पर भी खतरा उत्पन्न हो गया था. इंतजार के बाद जब बिजली नहीं आयी, तो करीब 45 मिनट बाद आयोजकों ने टॉर्च और मोबाइल की रोशनी में समारोह संपन्न कराने का फैसला किया. करीब घंटे भर बाद स्टेडियम में बिजली आपूर्ति शुरू हो पायी.
कहां जाते हैं महीने के 10 लाख रुपये
झारखंड सरकार ने स्टेडियमों के रख-रखाव के लिए 50 करोड़ रुपये की एफडी करा रखी है. इसके ब्याज की राशि से हर महीने 10 लाख रुपये रख-रखाव के लिए दिये जाते हैं. स्टेडियम में पावर सप्लाई की व्यवस्था तक ठीक नहीं है. ऐसे में यह सवाल उठता है कि यह 10 लाख रुपये कहां खर्च होते हैं.
चैंपियनशिप शुरू होने से पूर्व बिजली बोर्ड के चेयरमैन और जीएम को लिखित सूचना दे दी गयी थी. इसके बावजूद स्टेडियम में बत्ती गुल होना बिजली विभाग की लापरवाही है.
– मधुकांत पाठक, अध्यक्ष, झारखंड एथलेटिक्स एसोसिएशन
‘राज्य की छवि को नुकसान हुआ है. जिन अधिकारियों की लापरवाही से यह घटना हुई है, उन्हें चिह्न्ति किया जायेगा. ऊर्जा मंत्री राजेंद्र सिंह से भी बातचीत हुई है. मेगा स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में 50 जेनरेटर हैं, पर एक भी चालू हालत में नहीं है. इस संबंध में खेल विभाग के अधिकारियों से भी जानकारी मांगी जायेगी. जेनरेटर को दुरुस्त रखा जाना चाहिए था.
गीताश्री उरांव, खेल मंत्री
उठ रहे सवाल
– आयोजन से जुड़े सभी पक्षों को पता था कि चार दिन स्पर्धाएं शाम/रात में भी होनी है. इसके बावजूद बिजली विभाग की तैयारी क्यों नहीं थी
– ग्रिड से बिजली फेल हुई, तो वैकल्पिक व्यवस्था क्यों नहीं थी
– मंत्री के अनुसार मेगा स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में 50 जेनरेटर हैं, पर एक भी चालू हालत में क्यों नहीं थे
-किसी भी बड़े आयोजन के पूर्व रिहर्सल किया जाता है, यहां क्यों नहीं किया गया
– पावर सप्लाइ उपकरणों को ऑपरेट करने के लिए कोई तकनीशियन मौजूद क्यों नहीं था
– बिजली विभाग व खेल विभाग
के बीच सामंजस्य क्यों नहीं
बनाया गया
ये एथलीट थे मौजूद
सिनी ए मार्कोस, एमआर पूवम्मा, दुतीचांद, ओमप्रकाश सिंह, समरजीत सिंह, आशा रॉय, जितिन सी थॉमस, सुधा सिंह, प्रीजा श्रीधरन, टिंटू लुका, गुरमीत सिंह, जोसेफ जी अब्राहम, रंजीत माहेश्वरी, ओपी जैशा, प्रजूषा एमए, रति राम सैनी.
‘‘तकनीकी खराबी आ जाने से यह स्थिति हुई. 25 मिनट में बिजली बहाल कर दी गयी. खेल विभाग द्वारा जेनरेटर खराब होने की सूचना
बिजली विभाग को नहीं दी गयी थी. केके वर्मा
विद्युत महाप्रबंधक