रांची: आठ सितंबर 1980 गुवा गोलीकांड में मारे गये आठ आंदोलनकारियों के परिजनों को सरकारी नौकरी मिलेगी.नियुक्ति पत्र देने संबंधी आदेश पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपनी सहमति दे दी है.
आंदोलन के दौरान गुवा के कुल 11 लोग मारे गये थे. तीन लोगों के आश्रितों का पता नहीं चल पाया है. आठ सितंबर को गुवा के फुटबॉल मैदान में आयोजित शहीदों को जोहार कार्यक्रम में मुख्यमंत्री आश्रितों को नियुक्ति पत्र सौंपेंगे. शिक्षा के आधार पर इन्हें चतुर्थ वर्ग की नौकरी दी जा रही है. झारखंड अलग राज्य के गठन के बाद यह पहला मौका है, जब झारखंड आंदोलन के दौरान मारे गये शहीदों के परिजनों को नौकरी दी जा रही है.
स्व.जूरा पूर्ति, ग्राम बुंडू प्रखंड टोड़टो, आश्रित-जुमरू पूर्ति
स्व. रेंगों सुरीन(कुंबिया), प्रखंड मनोहरपुर, आश्रित-मंगल सुरीन
स्व. चैतन्य चांपी तया(बाइहातू) प्रखंड मनोहरपुर, आश्रित-लखन चांपी तया
स्व. बागी देवगम(जोजोगुट्ट), प्रखंड मनोहरपुर, आश्रित-कानू देवगम
स्व. जीतू सुरीन(जोजोगुट्ट) प्रखंड मनोहरपुर, आश्रित-बागी सुरीन
स्व. चूड़ी हांसदा(हतनाबुरू) प्रखंड मनोहरपुर, आश्रित-गोपी हांसदा
स्व. गोंडा होनहागा(कोलायबुरू) प्रखंड मनोहरपुर, आश्रित-दामू हेंब्रम
स्व. ईश्वर सरदार(कैरोम) प्रखंड गोइलकेरा, आश्रित कृष्णा सरदार
मुख्यमंत्री ने तत्काल आदेश निकलवाया
मुख्यमंत्री पिछले तीन दिनों से दिल्ली और मुंबई की यात्र पर थे. 2.45 में रांची एयरपोर्ट से ही वह सीधे प्रोजेक्ट भवन चले गये. इसके बाद मुख्य सचिव और गृह सचिव को बुलवाया. उन्होंने साफ-साफ कह दिया कि आठ सितंबर को सरकार गुवा आंदोलनकारियों को नौकरी देना चाहती है. कुछ तकनीकी अड़चन थी, पर मुख्यमंत्री ने इसे दूर करने का निर्देश दिया. वह तब तक कार्यालय में ही बैठ रहे जबतक कि शाम सात बजे फाइल पर आदेश नहीं हो गया. आदेश की प्रति तत्काल प. सिहंभूम उपायुक्त को भेज दी गयी. साथ ही एक सरकारी कार्यक्रम आयोजित करने का निर्देश दिया गया.