पर्यटन विभाग एक भी पैसा नहीं ले पाया
आनंद मोहन
रांची:राज्य सरकार पिछले तीन वित्तीय वर्षो में केंद्रीय व केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिए निर्धारित पूरी राशि केंद्र सरकार से नहीं ले सकी. केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2010-11, 2011-12 और 2012-13 में झारखंड के लिए कुल 28267.52 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया था. पर राज्य सरकार इसमें से सिर्फ 16235.42 करोड़ रुपये ही ले सकी. 12032 करोड़ (42 फीसदी हिस्सा) नहीं ले सकी.
19 विभागों को मिलता है
राज्य सरकार 19 विभागों के माध्यम से केंद्र प्रायोजित योजनाएं संचालित करती है. इन योजनाओं में राज्य और केंद्र अपने अंशदान के हिसाब से राशि तय करते हैं. केंद्र ने वित्तीय वर्ष 2010 से लेकर 2013 तक की अवधि के लिए अपने हिस्से की राशि कुल 28267.52 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया था.सबसे अधिक 5635 करोड़ रुपये का प्रावधान सूचना तकनीक के लिए किया था. पर इसमें से राज्य सरकार सिर्फ 3973 करोड़ रुपये ही ले सकी. ग्रामीण विकास के लिए 5174 करोड़ देने की स्वीकृति दी थी. पर राज्य सरकार 3009 करोड़ रुपये ही ले सकी. इसी तरह सर्व शिक्षा अभियान जैसी महत्वपूर्ण योजना के लिए निर्धारित 4671 करोड़ में राज्य सरकार मात्र 2871 करोड़ ही ले पायी. राज्य सरकार पर्यटन में एक पाई भी नहीं ले सकी.
पैसे आते, तो बदलते हालात
क्यों नहीं ले पायी पूरी राशि
केंद्र सरकार किसी योजना के लिए निर्धारित राशि कई किस्तों में देती है. राज्य सरकार द्वारा पहले किस्त की राशि खर्च करने और उपयोगिता प्रमाण पत्र भेजे जाने के बाद ही केंद्र दूसरे किस्त की राशि जारी करता है. राज्य सरकार द्वारा समय पर उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं देने की राशि नहीं मिली.