रांची: झारखंड हाइकोर्ट ने शनिवार को छेड़खानी को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने राज्य सरकार को महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा हर हाल में सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. कोर्ट ने कहा : हर व्यक्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करने का दायित्व राज्य सरकार पर है. कोर्ट ने राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि छेड़खानी रोकने के लिए सक्रिय व सशक्त नीति लागू की जाये. कार्रवाई आज से ही प्रारंभ हो. छह सप्ताह के अंदर निरोधात्मक कदमों का प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई देना चाहिए.
राज्य सरकार को 21 अक्तूबर तक शपथ पत्र के माध्यम से विस्तृत जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. सुनवाई के दौरान रांची नगर निगम के सीइओ दीपंकर पंडा अदालत में उपस्थित थे. मामले की सुनवाई जस्टिस एनएन तिवारी व जस्टिस पीपी भट्ट की खंडपीठ में हुई. खंडपीठ ने राज्य सरकार व रांची नगर निगम की ओर से दायर जवाब को देखते हुए कहा कि कार्रवाई को संतोषजनक नहीं कहा जा सकता है. गल्र्स छात्रवासों की सुरक्षा के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है.
नगर निगम ने जो नियमावली बनायी है, उसमें सुरक्षा के लिए कोई दिशा-निर्देश नहीं दिया गया है. खंडपीठ ने पूछा कि सुरक्षा के लिए क्या प्रावधान है. क्या सिर्फ सीसीटीवी कैमरा लगा देने से लड़कियों की सुरक्षा हो जायेगी. सुरक्षाकर्मी क्यों नहीं रहेगा. किसी भी क्षेत्र में पुलिस की पेट्रोलिंग नजर नहीं आती है. शॉपिंग मॉल, चौक-चौराहों व शैक्षणिक संस्थानों के आसपास युवकों का जमावड़ा लगा रहता है. सरकार ने कई समितियों का गठन किया है. छेड़खानी रोकने के लिए सरकार के थाना क्षेत्र स्तर पर गठित शांति समिति का उपयोग करने संबंधी प्रस्ताव को खंडपीठ ने खारिज करते हुए अलग से विशेष कमेटी बनाने का निर्देश दिया. राज्य स्तर पर उच्चस्तरीय कमेटी बनाने को कहा.
साथ ही प्रमंडल, जिला व मुहल्ला स्तर पर भी कमेटी बनायी जाये, जिसमें सेवानिवृत्त प्रोफेसर, स्कूल के शिक्षक, डॉक्टर, वकील (बुद्धिजीवियों) को रखा जाये. इसके लिए सरकार ने आवेदन मांगने की बात कही. महाधिवक्ता की अंडरटेकिंग को देखते हुए खंडपीठ ने सरकार को सुधारात्मक कदम उठाने के लिए छह सप्ताह का समय प्रदान किया. मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने 22 अक्तूबर की तिथि निर्धारित की.
नगर निगम का जवाब
रांची नगर निगम की ओर से शपथ पत्र दायर कर बताया गया कि सीसीटीवी कैमरा लगाने व हॉस्टल के लाइसेंस के लिए 28 जुलाई को अखबारों में नोटिस प्रकाशित किया गया है. सरकारी स्कूल-कॉलेजों सहित प्राइवेट हॉस्टल संचालकों को नोटिस भेजा गया है. नयी नियमावली क तहत लाइसेंस के लिए अब तक 230 हॉस्टलों ने आवेदन दिया है. हर वार्ड में जूनियर इंजीनियरों की कमेटी है, जो हॉस्टलों की जांच करेगी. उसकी रिपोर्ट पर लाइसेंस निर्गत किया जायेगा.
राज्य सरकार का जवाब
राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि सभी थानों को निर्देश दिया गया है. सक्रिय होकर छेड़खानी के खिलाफ उचित व कड़ी कार्रवाई करने को कहा गया है. मासिक बैठक कर स्थिति की समीक्षा की जायेगी. दो मोबाइल वैन प्रशासन को उपलब्ध कराया गया है. थाना क्षेत्रों में गठित शांति समिति का उपयोग छेड़खानी रोकने के लिए किया जा सकता है. सभी का सहयोग लेकर समस्या से निबटा जायेगा. सरकार छेड़खानी रोकने के लिए ठोस नीति बना कर लागू करेगी.