रांची: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और चारा घोटाले के आरोपी लालू प्रसाद यादव ने 37 करोड़ रुपये की हेराफेरी के एक मामले में सीबीआई के न्यायाधीश को बदलवाने की कोशिश में नाकाम होने के बाद आज यहां विशेष सीबीआई अदालत में अपनी बहस प्रारंभ करने के लिए दो सप्ताह का समय मांगा.लालू प्रसाद यादव के […]
रांची: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और चारा घोटाले के आरोपी लालू प्रसाद यादव ने 37 करोड़ रुपये की हेराफेरी के एक मामले में सीबीआई के न्यायाधीश को बदलवाने की कोशिश में नाकाम होने के बाद आज यहां विशेष सीबीआई अदालत में अपनी बहस प्रारंभ करने के लिए दो सप्ताह का समय मांगा.लालू प्रसाद यादव के वकील ने केंद्रीय जांच ब्यूरो के विशेष न्यायाधीश प्रवास कुमार सिंह की अदालत में आज एक बार फिर पेश होकर जहां उन्हें मामले में बहस के लिए दस दिन का समय दिये जाने से संबन्धित सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की प्रति दी वहीं मामले में अपनी बहस प्रारंभ करने के लिए दो सप्ताह का समय मांगा. अदालत ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रखा और वह कल आदेश देगी कि लालू को अपनी बहस पूरी करने के लिए कब अवसर दिया जाये.
ज्ञातव्य है कि सर्वोच्च न्यायालय ने लालू को झटका देते हुए 37 करोड़ रुपये से अधिक के घोटाले के एक मामले में अदालत के न्यायाधीश बदलने की याचिका खारिज करते हुए लालू को निचली अदालत में अपनी बहस दस दिनों में पूरा करने का आदेश दिया है.इससे पूर्व झारखंड उच्च न्यायालय ने भी 28 जून को लालू प्रसाद यादव की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी की बहस सुनने के बाद एक जुलाई को लालू की इस संबन्ध में दाखिल याचिका को खारिज कर दिया था.
सर्वोच्च न्यायालय और इससे पूर्व झारखंड उच्च न्यायालय ने लालू की इस दलील को स्वीकार नहीं किया कि केंद्रीय जांच ब्यूरो के विशेष न्यायाधीश प्रवास कुमार सिंह से उन्हें न्याय मिलने की उम्मीद नहीं के बराबर है. गत 28 जून को झारखंड उच्च न्यायालय में लालू के वकील राम जेठमलानी ने बहस करते हुए कहा था कि उनके मुवक्किल को केंद्रीय जांच ब्यूरो के विशेष न्यायाधीश प्रवास कुमार सिंह से न्याय मिलने की उम्मीद नहीं के बराबर है. इसके पीछे उन्होंने लालू प्रसाद यादव के धुर विरोधी जनता दल यू पार्टी के दो नेताओं से सीबीआई न्यायाधीश के रिश्ते को कारण बताया था.अपने पक्ष को साबित करने के लिए जेठमलानी ने सीबीआई न्यायाधीश प्रवास कुमार सिंह और बिहार के मंत्री जदयू के नेता पी के शाही के पारिवारिक फोटो भी न्यायालय के समक्ष पेश किये थे.
चारा घोटाले में आर सी 20 ए-96 पहला ऐसा मामला है जो चाईबासा कोषागार से 37 करोड़ रुपये से अधिक रुपया फर्जी ढंग से निकालने से जुड़ा है और इसमें सीधे तौर पर बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव का नाम भी जुड़ा हुआ है. चारा घोटाले के रांची में चल रहे 53 मामलों में से 44 में फैसले आ चुके हैं और अब सिर्फ नौ और मामलों में फैसला आना शेष है.