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अपनी भाषा-संस्कृति पर हम गर्व करें

रांची: झारखंड के सांस्कृतिक जननायक पद्मश्री डॉ रामदयाल मुंडा की 74वीं जयंती पर शुक्रवार को राजधानीवासियों ने उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किया. आसमान से मेघ बरसे और ढोल-नगाड़ों की थाप पर आदिवासी नृत्य हुए़ रांची विवि के स्वर्ण जयंती दीक्षांत मंडप में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि हमें अपनी भाषा-संस्कृति पर गौरव […]

रांची: झारखंड के सांस्कृतिक जननायक पद्मश्री डॉ रामदयाल मुंडा की 74वीं जयंती पर शुक्रवार को राजधानीवासियों ने उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किया. आसमान से मेघ बरसे और ढोल-नगाड़ों की थाप पर आदिवासी नृत्य हुए़ रांची विवि के स्वर्ण जयंती दीक्षांत मंडप में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि हमें अपनी भाषा-संस्कृति पर गौरव करने की जरूरत है. भौतिकवादी युग में लोगों के पास समय की कमी है. भाषा- संस्कृति वह जड़ है, जिस पर हम खड़े व जीवित हैं.

हम सबको अपना दायित्व निभाना होगा. संस्कृति, भाषा व संगीत को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनना चाहिए़ सरकार सबके सोच को समाहित कर चलने का प्रयास कर रही है. कार्यक्रम में टाटा स्टील के डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट कॉरपोरेट सर्विसेज सुनील भाष्करन, अमिता मुंडा, उर्मिला एक्का, गोपीनाथ सिंह मुंडा, डॉ प्रकाश उरांव, डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय, ठाकुर सुरेंद्र नाथ शाहदेव, शरण उरांव, मेघनाथ, श्रीप्रकाश, बिजू टोप्पो, डॉ प्रकाश चंद्र उरांव, डॉ केके नाग, डॉ गिरिधारी राम गोंझू, मुकुंद नायक, डॉ केसी टुडू, डॉ सत्य नारायण मुंडा, सच्ची कुमारी, नियेल तिर्की आदि मौजूद थ़े.

झारखंड नवनिर्माण का सपना देखा था
समारोह में डॉ बीपी केशरी ने कहा कि डॉ रामदयाल मुंडा ने झारखंड के नवनिर्माण का सपना देखा था़ वह मानते थे कि झारखंड में इतने अनमोल रत्न हैं, जो इसे पूरी दुनिया का आदर्श राज्य बना सकते हैं. उनका सपना अलग नहीं था. यह बिरसा मुंडा, सिदो-कान्हू, शिबू सोरेन, एनइ होरो जैसे जननायकों का सपना रहा. इन जननायकों ने हमेशा चाहा कि प्राथमिक विद्यालय से विवि स्तर तक जनजातीय व क्षेत्रीय भाषाओं की पढ़ाई हो. जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग की स्थापना में डॉ मुंडा की महती भूमिका थी़ टाटा स्टील के सीआरएस प्रमुख बीरेन भूटा ने बताया कि टाटा स्टील जनजातीय भाषा- संस्कृति के संरक्षण के लिए भूमिका निभा रही है़ इससे पूर्व मधु मंसूरी ने डॉ मुंडा का पसंदीदा गीत ‘नागपुर केर कोरा..’ प्रस्तुत कर सबको भावविह्वल किया. लोक गायिका मोनिका मुंडू व नालिनी नाग ने सिरिमा रेन सिंग बोंगा गीत.. से सबका स्वागत किया.

स्मारिका का विमोचन, पार्क का उदघाटन
मुख्यमंत्री ने रूम्बुल द्वारा प्रकाशित स्मारिका ‘सांस्कृतिक चिंतन-2013’ व छोटानागपुर सांस्कृतिक संघ द्वारा प्रकाशित डहर के डॉ रामदयाल मुंडा स्मृति विशेषांक का लोकार्पण किया. इससे पूर्व मोरहाबादी में रांची नगर निगम द्वारा निर्मित डॉ रामदयाल मुंडा पार्क का उदघाटन भी किया. दीक्षांत मंडप में चित्र प्रदर्शनी लगायी गयी, जिसमें डॉ मुंडा के कार्य व उनका जीवन सफर प्रदर्शित किया गया.

डॉ मुंडा को दी श्रद्धांजलि, सांस्कृतिक पुरुष बताया
प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में पद्मश्री डॉ रामदयाल मुंडा की जयंती मनायी गयी. इस मौके पर डॉ मुंडा के चित्र पर माल्यार्पण कर कांग्रेसी नेताओं-कार्यकर्ताओं ने श्रद्धांजलि दी. वक्ताओं ने डॉ मुंडा को सांस्कृतिक पुरुष बताते हुए झारखंड की संस्कृति को विश्व पटल पर पहचान दिलाने का श्रेय दिया. श्रद्धांजलि देनेवालों में डॉ शैलेश सिन्हा, सूर्यकांत शुक्ला, डॉ गुलफाम मुजिबी, दिलीप दराद, आरपी राजा, संजय लाल पासवान, लाल किशोर नाथ शाहदेव, कालीचरण मुंडा, रवींद्र सिंह, मदन मोहन शर्मा, जगदीश साहु, शशि तिर्की, विनोद सिंह, मधुसूदन तिवारी, अजय कुमार, ज्योति कुमार, अकबर हुसैन, निरंजन पासवान, राकेश शर्मा, अजय सिंह समेत अन्य पार्टी नेता शामिल हैं.

विजन था मुंडा के पास
समारोह में वाशिंगटन स्टेट यूनिवर्सटिी में डॉ रामदयाल मुंडा के गुरु रहे मृणाल रॉय व उनकी पत्नी स्टीवर्ट बज भी शामिल हुए. उन्होंने कहा कि डॉ मुंडा के पास विजन था. वह विजन, जो एक जननेता के लिए जरूरी है. उनमें अपना विजन जमीन पर उतारने का माद्दा था. वह ईमानदार और सच्चे इनसान थे.

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