रांची: जैप के विभिन्न बटालियन के जवानों को प्रतिनियुक्त करने का अधिकार अब जैप के एडीजी को होगा. पुलिस विभाग के इस फैसले से अब उन 13 हजार पुलिसकर्मियों के राहत मिलेगी, जो लगातार कई वर्षो से सुदूरवर्ती क्षेत्र में प्रतिनियुक्त हैं. झारखंड गठन के बाद से लेकर अब तक यह अधिकार आइजी ऑपरेशन के पास था. इस फैसले के बाद अब जैप के एडीजी नक्सल प्रभावित इलाकों में जवानों को रोटेशन पर तैनात कर सकेंगे. डीजीपी राजीव कुमार ने बताया कि यह अधिकार जैप के एडीजी के पास रहना चाहिए. यह अधिकार आइजी ऑपरेशन के पास पता नहीं कैसे चला गया था.
जानकारी के मुताबिक जैप के जवानों की प्रतिनियुक्ति का अधिकार आइजी ऑपरेशन के पास होने के कारण जवानों को परेशानी हो रही थी. एक ही बटालियन के जवान लगातार एक ही क्षेत्र में प्रतिनियुक्त रहते थे. जैप के कमांडेंट को सिर्फ इतना अधिकार था कि वह कंपनी को बदल सकें.
यही कारण है कि झुमरा पहाड़ी पर पिछले सात साल से एक ही बटालियन (जैप-चार) के जवान तैनात हैं. इसी तरह पिछले साढ़े तीन साल से चाईबासा के सारंडा में आइआरबी-पांच के ही जवान तैनात हैं. चतरा में कई वर्षो से जैप-दो के जवान तैनात हैं. लातेहार, गुमला व गढ़वा के सुदूरवर्ती नक्सल प्रभावित इलाकों के पिकेटों पर भी पिछले दो साल से एक ही बटालियन के जवान तैनात हैं.