रांची: सीएमपीडीआइ ड्रिलिंग व सलाहकार की भूमिका के अतिरिक्त अनुसंधान के क्षेत्र में भी काम कर रहा है. कंपनी ने अनुसंधान के कई प्रोजेक्ट पूरे कर लिये हैं. कंपनी कोयले को तरल पदार्थ बनाने के मामले में भी अनुसंधान कर रही है. सेंट्रल इंस्टीटय़ूट ऑफ फ्यूल रिसर्च संस्थान के साथ सहयोग कर यह अनुसंधान किया जा रहा है.
इसका उद्देश्य कोयला ऊर्जा को तरल में बदल कर ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में उपयोग करने का है. स्पंज आयरन कंपनियों को मिलनेवाले नन कोकिंग कोल पर अपने अनुसंधान में कंपनी ने पाया कि भारत में निकलनेवाले सभी ग्रेड के नन कोकिंग कोल स्पंज आयरन उद्योग के लिए अच्छे हैं. कंपनी ने कम वाष्पवाले कोयले की स्टील इंडस्ट्री में उपयोग पर भी एक अनुसंधान किया था. इस तरह के कम आंचवाले कोकिंग कोल का उत्पादन बीसीसीएल के झरिया कोल फील्ड, सीसीएल की कारो खदान में होता है.
झरिया कोल फील्ड की मुराइडीह, रानीगंज के सोनपुर, साउथ कर्णपुरा परियोजना के कोयले की सैंपल जांच के बाद अनुसंधान में कंपनी ने पाया कि यहां के कोयले की गुणवत्ता अच्छी है. कोक मेकिंग में इसका बेहतर इस्तेमाल हो सकता है.