महेशपुर (पाकुड़): महेशपुर प्रखंड के घाटचोरा पुल के निकट बुधवार की देर रात दो नाबालिग लड़कियों के साथ चार युवकों द्वारा सामूहिक दुष्कर्म किया. घटना के 20 घंटे बाद भी पुलिस अपराधियों को गिरफ्तार नहीं कर सकी. घटना से आक्रोशित छक्कुधारा के ग्रामीणों ने गुरुवार को दो घंटे तक सड़क जाम किया. सड़क जाम कर रहे ग्रामीण अपराधी की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे. जाम की सूचना मिलने पर एसपी वाइएस रमेश पहुंचे व ग्रामीणों को समझा बुझाकर शांत कराया. पुलिस ने सामूहिक दुष्कर्म की शिकार दोनों नाबालिगों को मेडिकल जांच के लिए सदर अस्पताल भेज दिया गया है.
एसपी वाइएस रमेश सहित पुलिस निरीक्षक व तीन थानों के थानेदारों द्वारा आरोपितों की गिरफ्तारी को लेकर सर्च अभियान चलाये जा रहे हैं. पुलिस ने दुष्कर्म की घटी इस घटना को लेकर थाने में कांड संख्या 232/13 दर्ज किया है. जानकारी के अनुसार, घाटचोरा गांव निवासी एक वृद्ध महिला अपनी 13 वर्षीय पोती व 17 वर्षीय भतीजी के साथ बुधवार को महेशपुर के बाजार में खरीदारी करने आयी थी. खरीदारी के बाद संध्या छह बजे वह एक ऑटो में सवार होकर अपने गांव लौट रही थी.
ऑटो चालक ने रोलाग्राम के निकट दोनों नाबालिग बच्चियों के साथ वृद्ध महिला उतार दिया. पैदल वृद्ध महिला व दोनों बच्चियां अपना घर छक्कुधारा जा रही थी. इसी दौरान घाटचोरा पुल के निकट पहले से बैठे चार युवकों ने लड़कियों का हाथ पकड़ लिया और वृद्ध महिला के साथ मारपीट कर भगा दिया. वृद्ध महिला रोते हुए गांव पहुंच कर मामले की जानकारी परिजनों को दी. ग्रामीणों ने मामले की सूचना तुरंत महेशपुर थाने को दी. सूचना मिलते ही थानेदार शशि भूषण चौधरी व ग्रामीण दोनों बच्चियों को खोजने के लिए निकले और तकरीबन रात्रि के आठ बजे 13 वर्षीय एक लड़की भौरीकुचा के निकट मुख्य सड़क पर मिली. जबकि दूसरी लड़की को रात भर खोजा गया, लेकिन वह नहीं मिली.
गुरुवार की सुबह 17 वर्षीय दुष्कर्म की शिकार लड़की महेशपुर गुमामोड़ मुख्य सड़क पर भौरीकुचा मंदिर के निकट मिली. इधर सूचना मिलते ही एसपी वाइ एस रमेश घटना स्थल पर पहुंचे और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की. पुलिस को घटना स्थल से आरोपियों के कपड़े भी मिले हैं. घटना को लेकर छक्कुधारा सहित महेशपुर प्रखंड के दर्जनों गांव के ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है. जिले में माह जुलाई से अब तक सामूहिक दुष्कर्म की यह तीसरी घटना है. एक पीड़िता ने बताया कि आरोपियों द्वारा नदी के किनारे एक पंप हाउस में ले जाया गया था.