रांची: आर्थिक समस्या से जूझ रहे रांची नगर निगम को वार्ड पार्षदों की मांगों ने परेशानी में डाल दिया है. पार्षदों ने निगम अधिकारियों से लैपटॉप, इनवर्टर और अपना मासिक वेतन दोगुना करने की मांग की है. इतना ही नहीं, कार्यालय के किराये में बढ़ोतरी और यात्र भत्ता देने की भी मांग की है. अब अधिकारियों को समझ नहीं आ रहा है कि वे अपने पार्षदों की मांग को कैसे पूरा करें, क्योंकि निगम के कर्मचारियों को ही समय पर वेतन नहीं मिल पाता है.
हाइटेक बनना चाहते हैं
नगर निगम बोर्ड की बैठक (27 जुलाई) में पार्षदों ने मांग रखी थी कि आम जनता अब हाइटेक हो गयी है. वह सोशल नेटवर्किग साइट पर काफी सक्रिय है. इसलिए हमें भी लैपटॉप चाहिए. शहर में लाइन की स्थिति खराब रहती है कि इसलिए इनवर्टर चाहिए. खर्च भी बढ़ गया है. किसी भी कार्यक्रम में बुलाया जाता है, तो एक-दो हजार रुपये चंदा देना पड़ता है. इसलिए सात हजार के बजाये 15 हजार रुपये मासिक वेतन दिया जाये. निगम की बैठकों में बहुत से पार्षद गाड़ी बुक करके या किराये के वाहन से आते हैं, इसलिए सभी को यात्र भत्ता भी मिलना चाहिए.
अभी क्या-क्या मिलते हैं पार्षदों को
पार्षदों को हर माह सात हजार वेतन और कार्यालय का किराया 1500 रुपये नगर निगम से मिलते हैं. वार्ड में वैपर लाइट, सड़क व नाली का निर्माण भी पार्षदों की अनुशंसा पर होता है.
1500 में कहां मिलता है रुम
निगम के पार्षदों ने यह मांग भी रखी कि शहर में 1500 रुपये में कहीं कमरा नहीं मिलता है. इसलिए कार्यालय किराया को बढ़ा कर तीन हजार किया जाये.