रांची: राज्य के प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में लगभग 1.25 लाख शिक्षक कार्यरत हैं. इनमें से लगभग 50 हजार शिक्षक वर्ष में पांच माह ही स्कूल जा पाते हैं. 365 दिन में से स्कूल 52 दिन रविवार व 60 दिन घोषित अवकाश के कारण बंद रहता है. वर्ष भर में कुल 112 दिन स्कूल घोषित रूप से बंद रहता है. ऐसे में 253 दिन कक्षा संचालन के लिए बचता है.
इनमें से भी लगभग 75 से सौ दिन शिक्षक गैर शैक्षणिक कार्य में लगे रहते हैं. शिक्षकों का सबसे अधिक समय मतदाता पुनरीक्षण कार्य में बीतता है. इससे पठन-पाठन प्रभावित होता है.
सरकार नहीं कर रही कार्रवाई : संघ
शिक्षक संघ स्कूल के शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यो में लगाये जाने के विरोध में है. अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के महासचिव राममूर्ति ठाकुर ने बताया कि शिक्षक खुद को गैर शैक्षणिक कार्य से मुक्त करने की मांग कर रहे हैं. मगर सरकार की ओर से इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की गयी है. उन्होंने कहा है कि शिक्षक को केवल चुनाव के समय ही कार्य में लगाना है, जबकि सरकार शिक्षकों को वर्ष में लगभग तीन माह मतदाता पुनरीक्षण कार्य में लगाती है. इसके अलावा स्कूल भवन निर्माण व मध्याह्न् भोजन से भी शिक्षकों को मुक्त नहीं किया गया है.