रांची: विधायक सीता सोरेन को जमानत मिलने से गवाह के लिए खतरा पैदा हो जायेगा. राज्यसभा हॉर्स ट्रेडिंग की तुलना सांसद रिश्वत कांड (नरसिम्हा राव सरकार की घटना) से करना सही नहीं है. हॉर्स ट्रेडिंग में सीता सोरेन द्वारा अग्रिम जमानत याचिका के आलोक में दायर जवाब में सीबीआइ ने यह बात कही है. अग्रिम जमानत पर सोमवार को सुनवाई होने की संभावना है.
हॉर्स ट्रेडिंग 2012 में आरोपी विधायक सीता सोरेन ने सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश की अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दायर की है. अदालत ने जमानत याचिका में उठाये गये बिंदुओं पर सीबीआइ को जवाब देने का निर्देश दिया था. अदालत के आदेश के आलोक में सीबीआइ ने अपना जवाब दाखिल कर दिया है. इसमें यह कहा गया कि विधायक ने हॉर्स ट्रेडिंग के एक गवाह का अपहरण किया था. ऐसी स्थिति में उन्हें जमानत देने पर गवाह को खतरा हो सकता है.
साथ ही जांच प्रभावित हो सकती है. सीबीआइ ने अपने जवाब में यह भी कहा है कि राज्यसभा हॉर्स ट्रेडिंग 2012 की तुलना सांसद रिश्वत कांड से करना नियम सम्मत नहीं है. नरसिम्हा राव सरकार के विश्वास मत पर सदन के अंदर वोटिंग हुई थी. पर, राज्यसभा चुनाव में वोटिंग सदन से बाहर हुई थी. राज्यसभा चुनाव में हाइकोर्ट ने जांच का आदेश दिया है. इसके अलावा अभियुक्त के खिलाफ सीबीआइ की कार्रवाई पर विधानसभा अध्यक्ष की भी सहमति है.