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पॉलिटेक्निक संस्थान: ओपेन काउंसलिंग का निर्णय नहीं हुआ, 50 फीसदी सीटें खाली

रांची: राज्य के एक दर्जन निजी पॉलिटेक्निक (अल कबीर पॉलिटेक्निक जमशेदपुर को छोड़) संस्थानों में 2014-15 सत्र के लिए तय सीटों में से आधी से अधिक अभी तक खाली हैं. विज्ञान प्रावैधिकी विभाग की ओर से खाली रह गयी सीटों के लिए ओपेन काउंसलिंग का निर्णय नहीं लिया गया है. 13 राजकीय पॉलिटेक्निक का भी […]

रांची: राज्य के एक दर्जन निजी पॉलिटेक्निक (अल कबीर पॉलिटेक्निक जमशेदपुर को छोड़) संस्थानों में 2014-15 सत्र के लिए तय सीटों में से आधी से अधिक अभी तक खाली हैं. विज्ञान प्रावैधिकी विभाग की ओर से खाली रह गयी सीटों के लिए ओपेन काउंसलिंग का निर्णय नहीं लिया गया है. 13 राजकीय पॉलिटेक्निक का भी हाल कमोबेश यही है.

इन संस्थानों की भी 303 सीटें तीसरी काउंसलिंग के बाद खाली रह गयी हैं. राज्य के 25 से अधिक पॉलिटेक्निक संस्थानों में पांच हजार से अधिक सीटें हैं. इनमें से 26 सौ से अधिक सीटें खाली हैं. अन्य राज्यों में पॉलिटेक्निक संस्थानों का पहला सेमेस्टर समाप्ति पर है, पर झारखंड में अभी तक एडमिशन की प्रक्रिया भी पूरी नहीं हुई है. सभी संस्थान अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीइ) से संबद्ध हैं. निजी पॉलिटेक्निक संस्थान के संचालकों ने विज्ञान प्रावैधिकी विभाग के प्रधान सचिव, मुख्य सचिव सजल चक्रवर्ती और अन्य अधिकारियों से मिल कर ओपेन काउंसलिंग की मांग भी की, पर ध्यान नहीं दिया गया.

काउंसलिंग में 10 हजार को ही बुलाया

राज्य में 90 हजार स्टूडेंट्स ने पॉलिटेक्निक संस्थानों में एडमिशन के लिए प्रवेश परीक्षा दी थी. झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद की ओर से ली गयी परीक्षा के बाद सत्र 2014-15 में नामांकन के लिए तीन बार साक्षात्कार भी लिया गया. काउंसलिंग सिर्फ सरकारी और राजकीय संस्थानों के लिए की गयी. इनमें 10 हजार स्टूडेंट्स को ही बुलाया गया. सूत्र बताते हैं कि तीन काउंसलिंग में संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद की ओर से सिर्फ 10-12 हजार विद्यार्थियों को बार-बार बुलाया गया. अन्य सफल अभ्यर्थियों को इसकी सूचना तक नहीं दी गयी.

पर्षद और विभाग में संवाद हीनता की स्थिति

झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद और विज्ञान प्रावैधिकी विभाग के बीच संवादहीनता की स्थिति बनी हुई है. पर्षद के अधिकारियों का कहना है कि रिक्त सीटों को लेकर विज्ञान प्रावैधिकी विभाग के उप निदेशक स्नेह कुमार की ओर से साक्षात्कार के लिए अनुरोध पत्र भेजा ही नहीं गया. यह अनुरोध विभाग की ओर से ही किया जाता है. उप निदेशक ही नोडल अधिकारी हैं, जो काउंसलिंग और एडमिशन से संबंधित आंकड़ों को संकलित कर सरकार को रिपोर्ट भेजते हैं. पर यह रिपोर्ट समय पर नहीं भेजी जाती है.

राज्य के निजी पॉलिटेक्निक संस्थान

संस्थान का नाम कुल क्षमता

रामकृष्ण परमहंस इंस्टीटय़ूट ऑफ टेक्नोलॉजी 300

खंडोली इंस्टीटय़ूट ऑफ टेक्नोलॉजी 300

सेंटर फोर बायोइंफोरमेटिक्स 480

निलय इंस्टीटय़ूट ऑफ टेक्नोलॉजी 180

अल कबीर इंस्टीटय़ूट ऑफ टेक्नोलॉजी 540

केके पॉलिटेक्निक 730

जेवियर इंस्टीटय़ूट ऑफ टेक्नोलॉजी 300

आरटीसी इंस्टीटय़ूट ऑफ टेक्नोलॉजी 240

रामचंद्र चंद्रवंशी इंस्टीटय़ूट ऑफ टेक्नोलॉजी 180

विद्या मेमोरियल इंस्टीटय़ूट ऑफ टेक्नोलॉजी 500

बीआइटीटी 400

राधागोविंद पॉलिटेक्निक 480

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