25 नवंबर और दो दिसंबर का चुनाव समाप्त होने के बाद नक्सलियों-उग्रवादियों ने चार बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया है. इसमें राजनीतिक दलों से जुड़े दो नेता की हत्या कर दी गयी. गुमला के कोलेबिरा में एक पारा टीचर की हत्या हुई थी. चार दिसंबर को पीएलएफआइ के उग्रवादियों ने चाईबासा के मुफ्फसिल थाना क्षेत्र से माइनिंग विभाग के दो अधिकारियों समेत चार लोगों को अगवा कर लिया.
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फोर्स हटते ही बेकाबू हुए नक्सली-उग्रवादी
रांची: जिन इलाकों में चुनाव समाप्त हो गये हैं, उन इलाकों में अर्धसैनिक बल के जवानों को हटा दिया गया है. फोर्स हटते ही इन इलाकों में भाकपा माओवादी के नक्सली व पीएलएफआइ के उग्रवादी बेकाबू हो गये हैं. 25 नवंबर और दो दिसंबर का चुनाव समाप्त होने के बाद नक्सलियों-उग्रवादियों ने चार बड़ी घटनाओं […]
रांची: जिन इलाकों में चुनाव समाप्त हो गये हैं, उन इलाकों में अर्धसैनिक बल के जवानों को हटा दिया गया है. फोर्स हटते ही इन इलाकों में भाकपा माओवादी के नक्सली व पीएलएफआइ के उग्रवादी बेकाबू हो गये हैं.
कोलेबिरा में पारा टीचर मनोज की हत्या
पीएलएफआइ के उग्रवादियों ने 26 नवंबर को सिमडेगा के कोलेबिरा के जटाटांड़ उत्क्रमित विद्यालय के पारा शिक्षक मनोज कुमार की अपहरण कर हत्या कर दी थी. उनका अपहरण स्कूल परिसर से ही किया गया था. इस मामले में पुलिस ने झारखंड पार्टी के प्रत्याशी एनोस एक्का को गिरफ्तार कर जेल भेजा है.
एनोस एक्का पर आरोप है कि वह शिक्षक मनोज कुमार पर चुनाव में मदद करने के लिए दवाब डाल रहे थे. मदद नहीं करने पर हत्या की धमकी दी थी. शिक्षक मनोज कुमार का इलाके के पारा शिक्षकों और ग्रामीणों के बीच अच्छा प्रभाव था.
गुमला में भाजपा नेता बुद्धदेव भगत की हत्या
भाकपा माओवादी के नक्सलियों ने 27 नवंबर को गुमला के घाघरा में जिला भाजपा किसान मोरचा के जिला मंत्री बुद्धदेव भगत की गोली मार कर हत्या कर दी. बुद्धदेव भगत घाघरा के तुरियाडीह गांव के रहने वाले थे. हमलावरों ने उनके बेटे सारु भगत और जितेंद्र भगत को भी मारने की कोशिश की. माओवादियों ने हत्या किस वजह से की, अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है. लेकिन स्व भगत चुनाव कार्य में बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रहे थे और जिस इलाके में उनकी हत्या हुई, उसी इलाके में हत्या से नौ दिन पहले माओवादियों ने भाजपा के प्रचार वाहन को फूंका था. इस हत्या का कारण लोग चुनाव बहिष्कार का फरमान नहीं मानने को ही बता रहे हैं.
बंदगांव में झामुमो नेता चट्टान सिंह की हत्या
चाईबासा के बंदगांव के पास भाकपा माओवादी के नक्सलियों ने तीन दिसंबर को झामुमो के नेता चट्टान सिंह मुंडा की गोली मार कर हत्या कर दी. झामुमो नेता से नक्सली नाराज थे, क्योंकि उन्होंने नक्सलियों के वोट बहिष्कार का फरमान नहीं माना था. मतदान के लिए ग्रामीणों को प्रेरित भी किया था.
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