रांची: भाकपा माओवादी के महिला सशस्त्र दस्ता की सेक्शन कमांडर नैती उर्फ प्रमिला और सदस्य यशोदा उर्फ उर्मिला ने सोमवार को रांची जोन के आइजी एमएस भाटिया के कार्यालय में सरेंडर किया. दोनों की उम्र क्रमश: 19 और 20 साल है.
आइजी श्री भाटिया ने बताया कि दोनों करीब सात-आठ सालों से संगठन के लिए काम कर रही थीं. शुरू में दोनों सांस्कृतिक कार्यक्रम करती थीं, फिर दोनों को जोनल कमांडर कुंदन पाहन के दस्ते में शामिल किया गया.
कुंदन पाहन के साथ रहते हुए दोनों ने पीटी, ड्रिल व हथियार चलाने का प्रशिक्षण लिया. जिसके बाद प्रमिला को संगठन के महिला दस्ता का कमांडेंट बना दिया गया. दोनों रांची, खूंटी, सरायकेला व चाईबासा इलाके में पुलिस के साथ हुए मुठभेड़ की कम से कम 13-14 घटनाओं में शामिल थीं.
दोनों नामकुम थाना में दर्ज दो मामले में नामजद अभियुक्त भी हैं. आइजी ने कहा कि दोनों संगठन में महिला सदस्यों के शारीरिक-मानसिक शोषण व गलत नीतियों से परेशान थीं. उन्होंने कहा कि सरकार की सरेंडर पॉलिसी से प्रभावित हो कर दोनों ने पुलिस के समक्ष सरेंडर किया है. अभी दोनों को 50-50 हजार रुपया नकद दिया जा रहा है. बाकी सुविधाएं भी जल्द ही उपलब्ध करायी जायेंगी. हालांकि दोनों महिला नक्सलियों ने शारीरिक शोषण होने की बात से इनकार किया.
अड़की की रहनेवाली हैं दोनों
प्रमिला और उर्मिला ने बताया कि दोनों खूंटी जिला के अड़की थाना क्षेत्र के बारीगढ़ा गांव की रहनेवाली हैं. वर्ष 2009 के नवंबर माह में माओवादी संगठन की प्रभा नाम की महिला दोनों को नाच-गाना दिखाने के लिए अपने साथ ले गयी थी. उस वक्त दोनों गांव के निकट के जोजोहातू स्कूल में आठवीं कक्षा में पढ़ती थीं. बाद में परिजनों द्वारा पूछताछ करने पर जोनल कमांडर कुंदन पाहन के भाई श्याम पाहन ने कहा कि दोनों पर बहुत खर्च हो गया है. इसलिए अब दोनों संगठन में ही रहेंगी. दोनों ने संगठन के सदस्यों से अपील की कि वह गलत रास्ते पर हैं, सरेंडर कर मुख्यधारा से जुड़ें.