28.8 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

झारखंड में नहीं कम हो रहे आलू के दाम, बंगाल ने फिर रोका आलू

रांची: राज्य में आलू की कीमत कम होने का नाम नहीं ले रही है. आज भी खुले बाजार में आलू 25 रुपये किलो के आसपास बिक रहा है. इसका कारण झारखंड से लोकल आलू का बाजार में कम आने के साथ-साथ पश्चिम बंगाल से आनेवाले आलू पर रोक है. एक बार फिर पश्चिम बंगाल से […]

रांची: राज्य में आलू की कीमत कम होने का नाम नहीं ले रही है. आज भी खुले बाजार में आलू 25 रुपये किलो के आसपास बिक रहा है. इसका कारण झारखंड से लोकल आलू का बाजार में कम आने के साथ-साथ पश्चिम बंगाल से आनेवाले आलू पर रोक है. एक बार फिर पश्चिम बंगाल से आलू के ट्रक नहीं आ रहे हैं. इस कारण पुराने आलू की कीमत भी बढ़ी हुई है. पिछले एक सप्ताह से कभी एक ट्रक तो कभी दो ट्रक आलू राजधानी के बाजार में आया रहा है.

इधर बंगाल सरकार प्रशासन आलू लदे वाहनों को झारखंड के बॉर्डर (चिरकुंडा, गोविंदपुर, घाटशिला व पुरुलिया) में रोक रहा है. बॉर्डर पर तैनात पुलिस के पदाधिकारी वाहन चालकों को सीधे कह रहे हैं कि आलू को दूसरे राज्यों में भेजने को लेकर राज्य सरकार की ओर से कोई स्पष्ट आदेश अब तक नहीं मिला है. इसलिए हम आलू के ट्रक को नहीं जाने देंगे. कुछ ट्रक जो आलू लेकर राज्य में पहुंच भी रहे हैं उन्हें बिचौलिया के माध्यम से बॉर्डर पर तैनात पदाधिकारियों को मैनेज करना पड़ रहा है.

थोक मंडी में 21-23 रुपये

आलू थोक मार्केट में अभी भी 21-23 रुपये किलो के दर से बिक रहा है. खुदरा बाजार में आलू की कीमत 25-29 रुपये किलो के दर से बिक रही है. स्थानीय आलू कारोबारियों की मानें तो जल्द ही झारखंड का नया आलू बाजार में आयेगा तभी आलू की कीमत में गिरावट आयेगी.

प्रतिदिन 100 ट्रक की जरूरत

राज्य में प्रतिदिन 100 ट्रक आलू की खपत होती है. इसमें से 12-14 ट्रक आलू की खपत प्रतिदिन राजधानी सहित इसके आसपास के बाजारों में होती है. वर्तमान में राज्य में आलू की जितनी खपत होती है उसमें से 60 प्रतिशत से अधिक आलू बंगाल से ही राज्य में आता है. आलू कारोबारियों की मानें तो उत्तर प्रदेश, पंजाब व छत्तीसगढ़ से भी आलू आयात किया जा रहा है. परंतु इन राज्यों से आलू को लाने में ट्रांसपोर्टिग खर्च बहुत अधिक होता है. इसलिए व्यापारी बंगाल से ही आलू लाना पसंद करते हैं.

झारखंड की सब्जियां पश्चिम बंगाल जा रही हैं. परंतु पश्चिम बंगाल आलू पर से रोक नहीं हटा रहा है. पिछले छह माह से यही स्थिति बनी हुई है. कभी दो ट्रक तो कभी पांच ट्रक आलू बंगाल सरकार आने दे रही है. इस मामले को लेकर सरकार को कोई ठोस व गंभीर कदम उठाना चाहिए, वर्तमान में राजधानी के बाजार में लोकल आलू भी आने लगे हैं, जल्द ही इनकी आवक बढ़ेगी तो आलू की कीमतों में गिरावट आयेगी.

शंभु प्रसाद गुप्ता, अध्यक्ष, रांची चैंबर ऑफ कॉमर्स

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें