रांची: पत्थलकुदवा के चर्च लेन इलाके के पानी में आर्सेनिक की अत्यधिक मात्र पायी गयी है. इससे पूरे क्षेत्रके लोग दहशत में हैं. आलम यह है कि मोहल्ले के लोग बोरिंग का पानी पीना तो दूर, नहा भी नहीं रहे हैं. दिन भर मोहल्ले के लोगों को पीने का पानी संग्रह करने के लिए भटकना पड़ रहा है. शुक्रवार को रांची नगर निगम की ओर से दो टैंकर(पांच हजार लीटर) पानी भेजा गया, जो आधे घंटे से भी कम समय में खत्म हो गया.
16 घरों से लिया गया पानी का सैंपल : पत्थलकुदवा चर्च लेन स्थित एक घर के लोगों द्वारा बोरिंग के पानी की जांच करायी गयी थी. उसमें आर्सेनिक की अत्यधिक मात्र की पुष्टि होने के बाद पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के पदाधिकारियों की टीम ने इलाके के 16 घरों से पानी का सैंपल लिया. जांच की प्रक्रिया पूरी होने तक मोहल्ले के लोगों से पानी पीने का इस्तेमाल नहीं करने का आग्रह किया गया. इसके बाद क्षेत्र के लोगों में दशहत फैल गयी है. पानी में आर्सेनिक पाये जाने की चर्चा पूरे इलाके में है. इसलाम नगर, आजाद नगर, पत्थलकुदवा से लेकर करबला चौक तक के ज्यादातर निवासियों ने बोरिंग के पानी का इस्तेमाल बंद कर दिया है.
पाइपलाइन बिछी, पर नहीं आया पानी : पत्थलकुदवा इलाके में पानी की दो पाइपलाइनें बिछायी गयी हैं, परंतु किसी में पानी की सप्लाई नहीं होती. एक पाइपलाइन 40 साल पहले बिछायी गयी थी. इससे पानी की आपूर्ति नहीं होती. दूसरी पाइपलाइन पांच साल पहले नगर निगम की तरफ से बिछायी गयी थी. इस पाइप लाइन से भी काफी कम स्थानों पर पानी की आपूर्ति हो पाती है. क्षेत्र के पानी में आर्सेनिक मिलने की बात सामने आने के बाद इलाके के लोग पानी का इंतजाम करने दूर जाते हैं.
क्या कहते हैं पीड़ित
पिछले साल भर से हमारे घर के आठ सदस्य लगातार बीमार पड़ रहे थे. एक का इलाज कराता, तो दूसरा बीमार पड़ जाता. अंत में हमने 1600 रुपये देकर पानी का सैंपल जांच करवायी. उसमें आर्सेनिक होने की पुष्टि हुई. मेरा तो पूरा परिवार सदमे में है.
मो कलीम
पानी पीकर पैर व हाथ में काले धब्बे निकल गये हैं. पिछले छह माह में 10 किलो वजन कम हो गया है. भूख भी सही से नहीं लगती. अब तो नगर निगम यहां पाइपलाइन बिछवाये और हमें पीने का पानी उपलब्ध कराये.
एस निशा